उमचरित [क., 1-1.04.-- ॥क्ता॥ गैस एम भगेवि पहु पबयों जिणं-अट्ठाहिए अट्ठावयहाँ । आवासिउ पाहिँ णीयडेंहिं णं तारायणु मन्दर-तडेंहि ॥ [४] एत्तहे वि ताव पल्हाय राउ सहुँ केउँमइऍ रैविपुरहों आउ ॥ १ स-विमाणु स-साहणु स-परिवार अण्णु वि तहिँ पवणञ्जय-कुमारु ॥२ एकत्तहें दूसावासु लइउ णं वन्दणहत्तिएँ इन्दु अइउ ॥३ अवर वि जे जे आसण्ण-भव ते ते विजाहर मिलिय सब ॥४ पहिलऍ फरमुणणन्दीसराहें किय ण्हवण-पुज तइंलोक-णा ॥" दिणें वीय' विहि मि णराहिवाहँ मित्तइय परोप्परु हुअ ताहँ ॥६ पल्हाएं खेडु करेवि उत्तु 'तउ तणिय कण्ण महु तणउ पुच ॥ ७ किण कीरइ पाणिग्गहणु राय' तं णिसुणेवि तेण वि दिण्ण वाय ॥ ८ परिओसु पवहिउ सज्जणाहँ मइलियइँ मुहइँ खल-दुर्जणाहैं ॥९ ॥ घत्ता ॥ ॥ 'वहु अञ्जणं वाउकुमार वरु' घोसेप्पिणु णयणाणन्दयरु । 'तइयऍ वासरें पाणिग्गहणु' गय णरवइ णियय-णियय-भवणु॥१० [५] एत्यन्तरे दुजउ दुण्णिवार मयणाउरु पवणञ्जय कुमार ॥ १ णउ विसहइ तइयउ दिवसु एन्तु अच्छइ विरहाणलें झम्प देन्तु ॥१ " धूमाइ बलइ धगधगइ चित्तु णं मन्दिरे अन्भन्तरें पलितु ॥ ३ चन्दिणउ चन्दु चन्दणु अलहु कपूर-कमलदलसेज-महुँ ॥४ दाहिण-मारुउ सीयल-जलाई तहों अग्गि-फुलिङ्गइँ केवलाई ॥५ णिबुहइ अङ्गुवई अण सजण-हियवाई व पिसुण-सङ्गु ॥६ णीससइ ससई वेवइ तमेण धाहावइ थाहा पञ्चमेण ॥ ७ उहुण-आहरण-पसाहणाई सबई अङ्गहाँ असुहावणाई॥ 5 P गव. 6 PS A जिणु. 7 P पासेहि अवासिड ( corrected to आवासिर), पसेहि अवासिड. 4. 1P मण्णेत्तहे. 2 4 एकत्तहे. 3 8 बीयई दिणि. 4 P खेड्डू, खेडू. 5 Ps करिवि. 6 P सजणाहे, S सजणाहें, A missing. 7 P°दुजणाहे. 8 Ps णियणिय, A णिवय. 5. 1Ps पत्त. 25 मंदरु. 3 ? मंदु. 4 PSA अंगवंगइ. 5s A missing. [४] १ प्रहादः. २ केतुमतीभार्यया. ३ आदित्यपुरस्स. [५] ग्लान्या. wa 23
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