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१२० पउमचरित ( 5 11, 1-8; 1,9=* [१३] अवरेकेण वुत्तु 'मइँ जन्तरे दिट्ठइँ णिम्मले सलिलें तरन्त॥१ अइ सुन्दरइँ सुकिय-कम्मा व सुघडियाइँ अहिणव-पेम्माई व ॥२ णिग्गलाई सु-किविण-हिययाइँ व 'णिउण-समासिय सुकइ-पयाइँ व ॥ ३ 'संचारिमइँ कु-पुरिस-धणाई व कारिमाइँ कुट्टणि-वयणा व ॥४ पेइरिकइँ सज्जण-चित्ताइँ व वद्धइँ अत्थइत्त-वित्ताई व ॥ ५ दुलहणियाँ सुकलत्ताई व चेह-विहूण वुहन्ताई व ॥ ६ वारि वमन्ति ताइँ सिरि-णासहिँ उर-कर-चरण-कण्ण-गैयणासेहिँ ॥ ७ तेहिं एउ जल थम् वि मुक्का तेण पुज रेल्लन्तु पदुक्कउ ॥ ८ ॥ घत्ता॥ तं णिसुणेप्पिणु 'लेहु' भणेप्पिणु असिवरु सं . भुवेण पकड्डि। सहइ समुजलु ससि-कर-णिम्मलु ण" पत्त-दाणे-फलु वड्डिः ॥९

जल-कीलाऍ सयम्भू भई(ई) च मच्छवेहे चउमुहएवं च गोग्गह-कहाएँ। अज वि कइणो ण पावन्ति ॥ 35 रण रावण [१५. पण्णरहमो संधि] दाण-मयन्ण गय-गन्धेण जेम महन्दु वियउ। जग-कम्पावणु सहसकिरणे अन्भिउ ॥१॥ [१] आएसु दिण्णु 'णिय-किङ्करहुँ वज्जोयर-मयर-महोयरहुँ ॥१ मारिच्च-मयहुँ सुय-सारणहुँ इन्दइकुमार-घणवाहणहुँ ॥२ हेय-हत्थ-पहत्थ-विहीसणहुँ विहि-कुम्भयण्ण-खर-दूसणहुँ ॥ ३ ससिकर-सुग्गीव-णील-णलहुँ अवरहु मि अणिट्ठिय-भुयवलहुँ ॥४ 13. 1 Ps जंतह, A जंतए. 2 Ps जिम्मल'.3 Ps रवंतह. 4 P मच्छइत्ति, 8 मस्थहति. 5 P 8 dift. 6 ps 38. 7 PAFTA, s missing. 8 PS BIĖJ. 9 P8 L. 10 8 भुवे, भुएण. 11 P एकडियउं, s कडिपड, A पकडियउ. 12 Ps किरणुजलु. 13 जं. 14PS 'दाणु. 15P वडियउ. 1. 18वयंधेण. 2P वियर, A वियष्टलं. 3 Ps सहसकिरणहो. 4 P ममिहार, BPs रणे. [१३] १ काठानां परस्परकलाशिका, अन्यत्र विष्टपदन्यासः. २ प्रगुणानि.. लोचनमुखः. [१] अश्ववाहनस्य (१)