क०५,१-८-6]] दसमो संधि S अवरेक-दिवसे दिढ-वाहु-दण्डु विजउ जोक्खन्तु महा-पयण्डु ॥१ गउ तेत्थु जेत्थु माणुस-बमालु जलहरधरु णामें गिरि विसालु ॥ २ गन्धव-वावि जहिं जगें पयास गन्धव-कुमारिहिं छह सहास ॥ ३ दिवे-दिवे जल-कील करन्तु जेत्थु रयणासव-णन्दणु ढुकु तेत्थु ॥ ४ सहसत्ति दिदु परमेसरीहिं णं सायरु सयल-महा-सरिहिं ॥५ णं णव-मयलञ्छणु कुमुइणीहिं गं वाल-दिवायरु कमलिणीहिं ॥ ६ सबउ रक्खण-परिवारिया सबउ सवालङ्कारियाउँ ॥७ ॥ घत्ता। सबउ भणन्ति वउं परिहरेवि वम्मह-सर-जजरियउ। 'पइँ मेल्लेंवि अण्णु ण भत्तारु परिणि णाह सइँ वरियउ॥८ 10 15 20 एत्यन्तरें आरक्खिय-भडेहि लहु गम्पिणु गमण-'वियावंडेहि ॥ १ जाणाविउ सुन्दर-सुरवरासु 'सबउ कण्णउ एक्कहों णरासु ॥ २ करें लग्गउ तेण वि इच्छियाउ पञ्चेल्लिउँ सुसमाईच्छियाउ' ॥ ३ तं णिसुणेवि सुर-सुन्दरु विरुद्ध उद्धाइई णाई कियन्तु कुछ ॥ ४ अण्णु वि कणयाहिउँ वुह-समाणु "तं पेक्वेवि साहणु अप्पमाणु ॥ ५ 'विट्टिएहि वृत्तु ‘णउ को वि सरणु तउ अम्हहँ कारणे दुक्कु मरणु' ॥६ रावणेण "हसिउ 'किं आयएहिं किर काइँ सियालहिं घाइएहिँ' ॥७ ॥वत्ता॥ ओसोवणि विजऍ सो चवि" वद्धा विसहर-पासेंहिं । जिह दूर-भव भव-संचिऍहिँ" दुक्किय-कम्म-सहासेंहि ॥ ८ 5. 15 वरेक्कदिवस. 22 जोखंतु महापचंड.35 जेत्थु तेत्थु माणसवमालु. 4A लक्खण'. 55 परिवारिअउ, A परिधारियाउ. 6 P लंकारिआउ, लंकारियउ.7.1 तउ. 8 नवम्महं.9 A भत्तार. 10 P सइ. 6. 1 A आराक्खिय. A लहुं... "वियावडहि, A "विभावडे हिं. AA सुरवरसुंदरासु. 5 Ps इंच्छिाउ. 6 ' पचेलिउ, s पचोलिउ, 75 उद्घायउ. 8 9 कलयाहिउ, " कलया corrected to कणया. तें. 10 विहिपहिं, विटिएहि. 115 मरणु दुकु. BA बुत्तु किं आइएहिं. 13 सिर. 14 A सियालिहि. 155 ऊसोवणि. 16 विवि. 17 5 1 संचियहि. [५] १ मेलापकः. २ सुभटैः रक्षिताः. ३ कन्यावतं त्यक्त्वा. [६] १ व्याकुलचितः. २ गन्धर्वविद्याधरम्य. ३ अतिशयेन. ४ स्त्रियः (१). ५ देवसंज्ञा, विद्याधरः सह. ६ कन्याभिः. ७ रावणः. ८ नागपाशः.
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