5 10 क०३,५-१४,१-६] पढमो संधि छकारय दस लेयार ण सुय" वीसोवसग्ग पंचय वहुय” ॥५ ण वलावल धाउ णिवाय-गणु णउ लिङ्ग उणाइ वकु वयणु ॥ ६ णउ णिसुणिउँ पञ्च-महाय-कबु(?) णउ भरहु गेउँ लक्खणु वि संधू ॥७ गउ वुज्झिउ पिङ्गल-पत्था णउ भैम्महें-दण्डि-अलङ्कार ॥८ षषसाउ तो वि णउ परिहरमि वरि रड्डावर्द्ध कबु करमि ॥९ सामण भास छुडु सावडर छुडु आगम-जुत्ति का वि घडउ ॥१० छुडु होन्तु सुहासिय-चयणाई गामिल-भास-परिहरणाइँ ॥ ११ एहुँ सजण-लोयहाँ" किउ विणउ जं अवुहु पदरिसिउ अप्पणउँ ॥ १२ जई एमैं विरूसइ को वि खलु तही” हत्थुत्थल्लिउ लेउ छलु ॥ १३ ॥ घत्ता। पिसुणे" किं अन्भत्थिऍण जसु को वि ण रुच्चइ। किं छण-चन्दु महागहेण" कम्पन्तु वि मुच्चइ॥१४ [४] अवहत्थेवि खलयणु गिरवसेसु पहिलउणिरु वण्णमि मगहदेसु ॥१ जहिँ पक्क-कलमें कमलिणि णिसणं अलहन्त तरणि थेर वे विसण ॥ २ ॥ जहिँ सुय-पन्तिउ सुपरिट्टियाउ णं वणसिरि-मरगय-कण्ठियाउं ॥३ जहिँ उच्छु-वणइँ" पवणाहयाइँ कम्पन्ति व पीलण-भय-गयाइँ॥४ जहिँ णन्दणवण मणोहराइँ णञ्चन्ति व चल-पल्लव-कराइँ ॥ ५ जहि फाडिम-वयण दाडिमाइँ जन्ति" ताई णं कई-मुहाइँ ॥६ 17 5 गया. 18 वहुया. 1) निमुणिउं. 20 महा जि कावु. 21 भरह. 22 Ps ण लक्खणु छंदु. 23 A सावु, : कन्वु. 24 °पत्थारू. 25 । भग्गह.26 1 5 °यलंकारु, A अलंकारू. 27 1 रयडावुतु. 28 सामाण, A सामण.20' म विहडउ, ५ महिविडउ. 30 किंपि. 15 होति. 21 सुहासुह.38 1 5 गामेल'. 3-11' इहु, s यहु. 351 सजणु लोगहु, : मजणलोयहु. 86 1 A अपरणउं. 37 1' ; जं.38 15 एव. 39 8 तहु. 40 5 लेवि. 11 पिसुणिं. 4 . 131 °इंदु. 4.41 5 महग्गहेण. 4. 1PA अवस्थिवि. लइ वषणवि, A निब्धपणमि. 31 जहि. कलमि, A °कलव.5PS णिसण्णु, A णिसण. G: तरुणि. 75 वि.8 विसपणु. 9 P S सुपरिट्रिआउ. 10 : कंटिआउ. 11 1 उच्छवणई, उच्छवणइ. 1:: वणइ. 1:31 जहि. 14 A फाडिय. 15Pणजन्न. 16 कई. . 4 PS ४ षटकारक, षण विना. ५ लकारिसंज्ञा-परिभापादि. ६ मादि. ७ वाणवस्यादयः प्रत्ययानि. ८ उदन्ता निपाताः. ९ उणादिवृत्तिः, १० वक्रोक्तिः, ११ एक-द्वि-बहु-वचनानि. १२ कुमारसंभव १, मेघदूतु २, रघु ३, किरातु ४, माधु ५. १३ प्रस्तारः १४ ...अलङ्कारी. १५ गजप्रेष्ठिना. १६ राहुणा. [४] १ अवगण्य, दूरीकृत्य, २ ज्ञायन्ते.
पृष्ठ:पउमचरिउ.djvu/२१८
यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।