INTRODUCTION 19 257 सिरियह भइणि तहाँ, 257 दशग्रीवाय सुग्रीवो वितीर्य श्रीप्रभाम् । सुग्गीवें दिण्ण दसाणणहों। 12 12 1 9 100 VP. सुग्गीवो वि हुकम सिरिप्पमं देह रक्खसिन्दस्स। 950. 258 विजाहरु गामें जलणसिहु । 258 (8) हुताशनशिखस्यासीत् सुता xxxi तहाँ पीय सुतार-णाम गरेंण, सुतारेति गता ख्याति xx तां मग्गिज इससयगह-वरेण ॥ साहसगति ना xx दूतैरयाचत । गुल्वयणे तासु ण पट्टविय, 10 2-6. सुग्गीवहाँ णवर परिदृविय ॥ (b) ततो मुनिगिर ज्ञात्वा xxx परिणेवि कण्ण णिय गियय-पुरु, सुप्रीवाय सुता दत्ताxxxi इससयगइहै वि विरहग्गि गुरु ।। कृत्वा पाणिगृहीतां तां सुप्रीवः पुण्यसंचयः। पजला॥ 12 12 46-8a. इयाय ॥ 10 10-11. (c) चक्राइस्य शरीरज: xxx कामानिदग्धः॥ 10 13-14. VP. (a) जलणसिह-खेयर-सुया xxxतारा नामेण । साहसगई xx अहिलसह परिणेउं ॥ 102-3. (b) सुग्गीवस्स वरतण दत्ता । परिणेऊण सुतारा सुग्गीवो ॥ 108-9. 259 विज्जाहर-कुमारि रपणावलि 259 (a) विद्याधरकुमार्यः । 9101. णिशालोयपुरवरे। (b) नित्यालोकेऽय नगरे परिणेंवि वला जाम ता थम्भिउ xx रम्भावली सुतां। पुष्फविमाणु भम्बरे॥ 13 1 1. उपयम्य पुरी यातो निजा xxनभसाxxx। सहसा पुष्पकं स्तम्भमार ॥9 102-104 VP.निचालोए नयरेxx रयणावलि ति दुहिया xxxi तीए विवाहहे पुप्फविमाणद्वियस्स गयणयले बच्चन्तस्स निरुद्धं जाणं ।। 952-53. 260 अंकमण-सेले पवणभामणु । 13 15. 260 मेरोरिव तट प्राप्य सुमहद् वायुमण्डलम् । 9104. 261 णीसह इपउ किङ्किणीउ । 13 1 6. 261 शब्दभमे घण्टादिजम्ननि । 9 105. 262 मारि बुबह देव देव, 262 (8) मारीचस्तत आचक्षौ xxxi स-भुमामु चन्दण-रुक्खु जेम ॥ 'भु देवेष कैलाशे स्थितः प्रतिमया मुनिः॥ लम्विय-थिर-थोर-पलम्व-बाहु, 9 107. मच्छह कहलासहाँ उवरि साहु ॥ (b) आशकारिकराकारप्रलम्बितभुजद्वयं । मेरु दमकम्यु। 18 25-7a. पनगाभ्यामिवाश्लिष्टं महाचन्दनपादपम् ॥9 127. (c) सुनिश्चलम्। 9128 VP. (8) साहिउँ पयत्तो मारीई। 955. (b) पलम्बभुयजुयलं। 9 620. (6) मे पिव निव 9 626,
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