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INTRODUOTION 18 170 पत्यले पहड सुकोमण, 170 विशाळे हृदये कुरवर्तसेन तापम् । कण्णावयंसणीलुप्पलेण ॥ 985 7 2796. 171 ऍहु णह......कटमठ । 987 171 काष्ठमया इमे। 7 278a. 172 मक्खही वजारिउ मडिवहों। 98 80. 172 यक्षःxx अनाहन इति स्वातः।। 267. VP. बन्सो प्राणाडिमो मामं17109. 173 # सायहाँ कवणु देउ धुणहौं। 9 9 4b. 173 भाराधयत वा ठेवं कतरम् । 7 2826 VP. कयर देवं विचिन्तेह। 7 115b. 174 उवसागु घोरु पारम्भियड। 99 6a. 174 VP. पोरवसग कुणइ तेसि 17 116b. 175 बहुरूहि। 996a. 175 नानारूपधराः। 7 286b. VP. विविहेहि रूबहि। 7 1176. 176 पासीविस-विसहर अजयरहि, सहल-सीह- 176 RP.7 287-289 mention सर्प, कुअर परेंहि। केशरिन् , दंश, हस्तिन् , मरुत्, दाब, स, गव-भूप-पिसाएँहि रक्खसहि, गिरि-पवण 9x, and VP. 7 118-120 me. हुमासण-पाउसहि ॥ 997-8 ntion बेयाल, वाणमन्तर, गह, भूया विसहर, सीह. 177 सयलु वि बन्धु-जणु कलुणठ कन्दन्तु । 177 अन्तःपुरं च कुर्वाण विप्रलापं ममच्छिदम् । 9102. 7 293a. VP.अन्तेउर विलावं कुणमाणं बन्धव य।7128a. 178 मेच्छहि पिष्टिजन्ताई। 9 108a. 178 ताब्यमाना च चाण्डालैः । 7 295a. 179 सिर-कमल, वाह मि केराई, 179 पुरो दशाननस्यापि मूर्धा भात्रोनिपातितः रावणहाँ गम्पि दरिसावियई। 9 11 7-8a. 7 3086. 180 सिरु भग्गएँ पत्तिडxxxx भाइहि । 180 तयोरपि पुरो मूर्षा दशमीवस्य पातितः। 9 11 3a-4 7 809a 181 तेझाणहाँ चलिय मणामणड1911 ia. 181 येन तो...प्राप्तावीषद् ध्यान-विकम्पमम् । 182 विजहुँ सहासु उप्पण्णु । 911 9a. 182 VP.सहस्सं विजाणxx सिद।7180 183 PC. 9 12 1-8. RP. 7 324- 332 and VP.7 135 142 enumerate the Vidyās several names are 184. Similarly cf. PC. 9 13 1, RP 7 333 and VP. 7 144 and PC. 9 13 3, RP. 7 33+ VP. and VP. 7 145. 185 गामेण सर्यपहु णयह किड । 9 13 6a 185 खर्यप्रभामिति ख्यातं नगर व निवेधितम् । 7 837a. 186 वेरिदि सुणेवि वसाणणहाँ, 186 से रसश्रवधुत्वा विद्यालिशितवक्षसम् । मायई कह-आउहाण-चलाई। 9 13 96 0. सर्वतो रक्षसां संधाः प्राप्ताः॥ 7347. 187 साहेप्पिणु चन्दहासु, 187 संसाध्य चन्द्रहास शेकराज गतो प्राता, गड महिमुदु मेरु महीहरासु। 01 16 पन्दितुं जिनपुगवान् ॥ 4 36. 188 एतिऍ मावह बाइसरहु वाम । 10 17a. 188 क्षणमा ततोऽत्रैव स्वानं कुर्वन्न सजनाः । 888b. commun.