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[पञ्चतन्त्र
 

घेर लिया और पूछने लगे—"क्या बात है? आज मामा नहीं आए? हम सब उनके साथ नए जलाशय पर जाने को तैयार बैठे हैं।"

केकड़े ने हँसकर उत्तर दिया—"मूर्खों! उस बगुले ने सभी मछलियों को यहाँ से ले जाकर एक शिला पर पटक कर मार दिया है।" यह कहकर उसने अपने पास से बगुले की कटी हुई गरदन दिखाई और कहा—"अब चिन्ता की कोई बात नहीं है, तुम सब यहाँ आनन्द से रहोगे।"

XXX

गीदड़ ने जब यह कथा सुनाई तो कौवे ने पूछा—"मित्र! उस बगुले की तरह यह साँप भी किसी तरह मर सकता है?"

गीदड़—"एक काम करो। तुम नगर के राजमहल में चले जाओ। वहाँ से रानी का कंठहार उठाकर साँप के बिल के पास रख दो। राजा के सैनिक कण्ठहार की खोज में आयेंगे और साँप को मार देंगे।"

दूसरे ही दिन कौवी राजमहल के अन्तःपुर में जाकर एक कण्ठहार उठा लाई। राजा ने सिपाहियों को उस कौवी का पीछा करने का आदेश दिया। कौवी ने वह कण्ठहार साँप के बिल के पास रख दिया। साँप ने उस हार को देखकर उस पर अपना फन फैला दिया था। सिपाहियों ने साँप को लाठियों से मार दिया और कण्ठहार ले लिया।