जज
मित्र!
रुथ
[भोलेपन से]
जी हाँ, प्रेमी!
[तीव्र स्वर से]
किस मानी में?
हम दोनों एक दूसरे को प्यार करते हैं।
ठीक है! लेकिन—
[सिर हिलाकर]
जी नहीं, और कुछ नहीं हुआ।
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