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अङ्क १़]
[दृश्य १
न्याय
मामला ऐसी जगह में हो जाय, यह तो ठीक नहीं। मैं यह चाहता हूँ कि लोग सच्चे दिल से ख़ुशी ख़ुश काम करें।
कौली
ठीक है।
कोकसन
[बटन पकड़ कर, खींचते हुए और मालिकों के कमरे की ओर देखते हुए।]
मान लिया कि वह अभी बिलकुल ना समझ है, पर मैंने उससे कई बार कहा कि अङ्कों के आगे जगह न छोड़ा करो, पर यह सुनता ही नहीं।
कौली
मुझे उस आदमी की सूरत खूब याद है–बिलकुल जवान था।
कोकसन
पर बात यों है कि शायद उस आदमी को हम आपके आगे पेश न कर सकें।
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