यह पृष्ठ जाँच लिया गया है।
अङ्क ४]
[दृश्य १
न्याय

मैंने कभी नहीं सोचा था कि फिर भी उनसे कभी मेरी मुलाक़ात होगी। अचानक ही मुझसे कल "हर्द बाग" में मुलाकात हो गई। हम दोनों वहाँ बहुत देर तक बैठे रहे। उसने अपनी सब राम कहानी मुझे सुना दी। ओफ़! कोकसन साहब, आप उसे फिर अपने यहाँ ले लीजिए।

कोकसन

[व्यग्र होकर]

तो तुम दोनों ने अपनी रोजी खो दी। कितनी भीषण समस्या है।

रुथ

अगर वह यहाँ आ जाते तो यहाँ तो उनके विषय में कोई पूछ ताछ न होती।

कोकसन

हम कोई ऐसा काम नहीं कर सकते जिससे कार्यालय की बदनामी हो।

रुथ

मेरे लिए और कहीं ठिकाना नहीं है।

२२१