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अङ्क ३]
[दृश्य २
न्याय
[वुडर दरवाज़ा बिलकुल खोल देता है, ओक्लियरी दरवाज़े के पास टेबिल के सामने कान लगाए बैठा हुआ नज़र आता है। दरवाज़ा खुलते ही वह उछलकर ठीक द्वार पर सीधा खड़ा हो जाता है। उसका चेहरा चौड़ा है, उम्र अधेड़ है, मुँह पतला, चौड़ी और गालों की ऊँची हड्डियों के नीचे गढ़े हो गए हैं।]
दारोग़ा
क्या मज़ाक है, ओक्लियरी?
ओक्लियरी
मज़ाक, हुज़ूर! मैंने तो बहुत दिनों से इसे नहीं देखा।
दारोग़ा
अपने दरवाज़े पर धक्के लगाना!
ओक्लियरी
ओ! वह!
दारोग़ा
यह ज़नानों का सा काम है।
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