और व्यथित अपने बसेरे की ओर उड़ गया!!
मुहल्ले के लोग जमा हो गए। लाश बाहर निकाली गई। कौन दाह करेगा,यह प्रश्न उठा। लोग इसी चिन्ता में थे कि सहसा एक बूढ़ा पथिक एक बुकचा लटकाए आकर खड़ा हो गया। यही मुन्शी तोताराम थे!!