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निर्मला
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सहृदयता का जलाया हुआ दीपक निर्दथ व्यङ्ग के एक झोंके से बुझ गया! अड़ा हुआ घोड़ा चुमकारने से जोर मारने लगा था; पर हण्टर पड़ते ही फिर अड़ गया और गाड़ी को पीछे ढकेलने लगा!!