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नाट्यसम्भव रूपक के
पात्र।

स्त्री-
सरस्वती-वागीश्वरी देवी।
ऋद्धि-सरस्वती की चेरी।
सिद्धि-सरस्वती की चेरी तथा।
शची-इन्द्राणी।
उर्वशी, मेनका, रंभा, तिलोत्तमा, धृताची आदि अप्सराएँ।
दैत्यनारियां इत्यादि।
पुरुष-
बृहस्पति-देवताओं के गुरु।
नारद-देवर्षि।
भरत-सङ्गीत और साहित्य के आचार्य्य।
दमनक-भरतमुनि का चेला।
रैवतक-भरतमुनि का चेला तथा।
इन्द्र-स्वर्ग का राजा।
विद्याधर, किन्नर, सिद्ध, यक्ष, गुह्यक, विश्वेदेव, अग्नि, वरुण, धन्वन्तरि, कुबेर, सूर्य, चन्द्रमा, अश्विनीकुमार, कार्त्तिकेय आदि देवगण।
माल्यवान-नन्दनवन का माली।
पिंगाक्ष-इन्द्र का द्वारपाल।
बलि-दैत्यों का राजा।
नमुचि-बलि का दूत।
वज्रदंष्ट्र-बलि का द्वारपाल इत्यादि।