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नव-निधि

गवर्नमेंट को राणा जंगबहादुर पर पूर्ण विश्वास था और जब नैपाल की राजसभा ने विश्वास और सन्तोष दिलाया कि महारानी चन्द्रकुँवरि को किसी शत्रुभाव का अवसर न दिया जायगा, तो भारत सरकार को भी सन्तोष हो गया। इस घटना को भारतीय इतिहास की अँधेरी रात में 'जुगुनू की चमक' कहना चाहिए।