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को चांदी की जगह सोना भेंट करना चाहिए। यदि मुसलमान उसके मुंह में थूकना चाहे या मैला डालना चाहे तो उन्हें अपना मुंह खोल देना चाहिये कि मुसलमान को तकलीफ न हो। क्योंकि खुदा ने हिन्दुओं को महा नीच और घृणित बनाया है।

इसके बाद उसने वादशाह से कहा—"आपके राज्य मे काफिरों की यह दुर्दशा हो गई है कि उनके स्त्री बच्चे मुसलमानों के द्वार पर रोते और भीख मांगते फिरते हैं। इस शुभ काम के लिये खुदा आपको जन्नत न भेजे तो मैं ज़िम्मेदार हूँ।

पाठक इस धर्म गुरू की भयानक वृत्तियो से आप अनुमान लगा सकते हैं कितनी भयानक है।

मुहम्मद तुग़लक ने जिहाद में इतना रक्तपात किया कि लाखों आदमियों को गाजर मूली की भाँति कटवा डाला। नाक कान कटवाना, आँखें निकलवाना, सिर में लोहे की कील ठुकवाना, आग में ज़िन्दा जलवाना, आरे से चिरवाना, खाल खिंचवाना, हाथी से कुचलवाना, सिंह से फड़वाना, सांप से डसवाना, यह इस व्यक्ति की मनोरंजक सजाये थी।

फीरोज़शाह तुग़लक ने नगर कोट को विजय करके गौ मांस के टुकड़े तोवड़ों मे भरकर हिन्दुओ के गले में लटकवा दिये थे। और उन्हें बाज़ार में फिरा फिराकर खाने की आज्ञा दी थी। जिसने इंकार किया उसका सिर काट लिया गया था। फीरोज़शाह जव जम्बू गया और वहाँ का राजा उससे मिलने