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आग लगा दी और दोष मसीही प्रचारकों पर लगा दिया, निदान प्रजा ने उनका बड़ी निर्दयता से वध करना शुरू किया इसी धर्म युद्ध में पावल के प्राण गये।

याकूब मसीह का भाई था और जेरूसलम में मसीही धर्म का प्रचारक था। रोम के उपद्रव के समय ही उस पर कोप पड़ा। वह जब न्यायालय में पेश किया गया तो उसने वीरतापूर्वक कहा— 'यीसूखीष्ट परमेश्वर के दाहिने हाथ बैठा है और आकाश के मेघों पर चढ़कर फिर आवेगा।' इस बात पर उसे पत्थरों से हलाल कर डालने का दण्ड दिया गया। पत्थरो की झड़ी जब उस पर पड़ने लगी तब उसने तनिक अवसर पाकर पुकारकर कहा—'हे पिता! इन्हें क्षमाकर, क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या करते हैं।' तभी एक सोटे की भारी चोट खाकर वह गिर गया।

शिमियोन जेरूसलम का धर्माध्यक्ष था। जब यह पकड़ा गया तब १२० बरस का बुड्ढा था। उसने कितने ही दिन तक कोड़े खाये पर वह न मरा। अन्त में तंग होकर हत्यारों ने उसे क्रूस पर चढ़ा दिया।

इग्नाट्रिय ट्राजन अन्तैखिया नगर का मण्डलाध्यक्ष था। शिमियोन के ३ वर्ष बाद ईसाई होने के अपराध मे प्राणघात करने को रोम नगर मे पहुँचाया गया। उसने रोम के अधिकारियो को चिट्ठी लिखकर कहलाया—'सूरिया से रोम तक मैं जंगली पशुओ से लड़ता चला आता हूँ। मैं दस योद्धाओ के साथ जंजीर से कसा हुआ चलता हूँ। और मैं जैसे नित्य उनकी भलाई करता हूँ वैसे