शकुन मुहुर्त दिखाये कोई काम करते ही न थे।
बिल्ली का रास्ता काट जाना, कौवे का बोलना, काने आदमी का सामने मिलना, गीदड़ का रोना, खाली घड़े लेकर किसी स्त्री का सामने आना, किसी का छींकना ये सब अशुभ बातें मानी जाती हैं। कुछ लोग तो इतने अन्धविश्वासी होते हैं कि वे इस क़दर भयभीत हो जाते हैं कि बहुधा उनके प्राण निकल जाते हैं।
इसी प्रकार की एक मज़ेदार घटना है कि किसी देहाती लाला को किसी देहाती ज्योतिषी ने कह दिया कि जिस दिन तुम्हारे मुंह से खून निकलेगा तुम मर जाओगे। एक दिन लाल रंग का डोरा उसके मुंह में कहीं से लिपट गया। उसे देखते ही वह भयभीत होकर समझ बैठा कि मृत्यु आ गई। वह दूकान बन्द करके घर आया। घर दूर था, और गर्मी की ऋतु थी, पसीने से तर होगया। स्त्री से कहा—जल्द खाट बिछादे और लड़के को स्कूल से बुलाले—मेरा अख़ीर वक्त आगया है। स्त्री ने शरीर देखा ठण्डा बर्फ हो रहा था उसने रोकर कहा—अरे तुम तो बिलकुल ठण्ढे हो रहे हो। अब उसे और भी मृत्यु पर विश्वास होगया। वह जल्द जल्द सांस लेने और लेन देन का हिसाब बताने लगा।
लड़का समझदार था—स्कूल से आया और देखकर बोला—पिताजी, आपमे मरने के कोई लक्षण नहीं। आप कैसे मरते हैं। उसने कहा—गधे, हमारे मुंह से आज ख़ून निकला था