"हम मान सरोवर में ध्यानस्थ थे।"
"कितने वर्षों से?"
"बहुत काल से, लगभग २५ वर्ष हुआ होगा, अधिक भी हो सकता है!"
"आपकी आयु क्या है?"
"आप क्या अनुमान करते हैं?"
"यही २०, २५ वर्ष।"
योगीराज जोर से हंसकर बोले—हम १०० के पेटे मे हैं। परन्तु अभी तो हमारी किशोरावस्था ही है। पूर्ण युवा नहीं हुए हैं।
मैने मन की हंसी दबा कर कहा—
"बालों में तेल कौनसा डालते हैं?"
"हमने पचासों वर्षों से तेल नहीं डाला। बाल स्वयं शरीर से चिकनाई खीच लेते हैं।"
इस के बाद उन्होंने अंग्रेजी मिश्रित हिन्दी में बीच बीच में एकाध टुकड़ा श्लोक बोलते हुए योग की व्याख्या और चमत्कार कैसे प्राप्त किये जाते हैं इस का विवेचन करना शुरू किया। अन्त में दृष्टिमात्र से हमारा रोग अच्छा कर देने का वचन भी दिया। परन्तु दृष्टि में बल लाने को साधना करनी होगी। क्योंकि कई सिद्धियां दिखाने के कारण उनका बल खर्च होगया था।