अचानक संयोग से नहीं हुई है। प्लेटो जैसे तत्वदर्शी के चेले उन सब लोगों से नाराज़ होते थे जो प्लेटों को अपोला देवता के निर्दोष गर्भ से उसकी माता की कुमारी अवस्था में उत्पन्न होना नहीं स्वीकार करते थे। जब सिकन्दर अपने आज्ञापत्रों और घोषणाओं में अपने को 'सिकन्दर वल्द जूपीटर एमन' लिखकर प्रकाशित करता तो एशिया के निवासियों पर उसका ऐसा प्रभाव पड़ता कि वे उसके विरुद्ध कुछ भी नही कर सकते थे। उसकी माता हंसी में बहुधा कहा करती थी कि सिकन्दर मुझे जूपीटर की जोरू न बनाया करे तो अच्छा है।
परन्तु सिकन्दर ने अपनी अल्पावस्था में जो कार्य किये वे कम आश्चर्यजनक न थे। हेलेस्पोट को पार करना, ग्रेनीकस ज़बर्दस्ती ले लेना, विजित ऐशिया माइनर का राजनैतिक प्रबन्ध करते हुए शीतकाल व्यतीत करना, दक्षिण और केन्द्रस्थ भाग को सेना का भूमध्य सागर के किनारे किनारे सफर करना। टायर के घेरे मे बहुत सी शिल्प सम्बन्धी कठिनाइयो का निवारण करना, गाजानगर को तोपों से उड़ा देना, फारिस का यूनान से पृथक् हो जाना, भूमध्य सागर से फारिस की जल सेना को बिल्कुल निकाल देना, फारिस के उन उद्योगों को रोक दिया जाना, जिन से वह एथेन्स निवासियों और पार्टी के निवासियों से मिल कर षड्यन्त्र रचता था—या रिशवत देता था, मिश्र को आधीन कर लेना, कृष्ण सागर और लाल सागर की सम्पूर्ण सेनाओं का मेसोपोटानिया के रेतीले मैदानों की ओर एकाभिमुख