हिन्दी साहित्य में अद्वितीय
देशी राज्यों में व्यभिचार
लेखक—साहित्य-भूषण बा० श्रीगोविंद हयारण संयुक्त सम्पादक "दैनिक अर्जुन दिल्ली"
भूतपूर्व सम्पादक—प्रेम, कर्त्तव्य, हलधर, हितचिन्तक, भारतवीर, दैनिक भविष्य।
रनिवासों में होनेवाली व्यभिचार लीला, प्रजा की बहू-बेटियों के साथ होनेवाले अमानुषिक अत्याचार, दुखी दासियों की करुण दशा; नरेशों के वेश्या-प्रेम, गोरी महिलाओं के प्रेमजाल, मन्दिरों में पापाचार, पापी मुसाहिबों की करतूत, स्वेच्छाचारी अफसरों की मनमानी, महिलों में हत्याकाण्ड आदि का अभूतपूर्व भण्डा-फोड़। मूल्य केवल १) रुपया।
कनौजिया समाज में भयानक अत्याचार
(लेखक--श्री कान्तिकृष्ण शुक्ल)
पुस्तक में क्या है
कान्य कुब्ज समाज में प्रचलित कुरीतियों का नग्न चित्र, अबलाओं पर नित्य होने वाले अत्याचारों का रोमाञ्चकारी-वर्णन, दहेज की प्रथा का विकट भण्डा फोड़, विधवाओं की करुण कहानी, धन के लोभी पुरुषों के पैशाचिक कारनामे आदि २ दिल दहलाने वाली कहानियाँ पढ़िये।
बढ़िया काग़ज़ सुन्दर छपाई, कई रंग बिरंगे चित्र, मज़बूत जिल्द—मूल्य केवल १)।
पता-इन्द्रप्रस्थ पुस्तक भण्डार
दरीबा कलां, देहली।