पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७८१

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२६ पब को २ पुस्तक। ओ कि अाज दुःख १६ उन्नोसवा पर्व पर ऐमा हुआ कि हिजकियाह राजा ने यह सुन के अपने कपड़े फाड़े और टार बस्त्र छोड़ के परमेश्वर के मन्दिर में गया। २ । तब उस ने इलयकोम को जो घराने पर था और शबना लेखक और याजको के प्राचीनों को टार३६ बस्न ढ़ेि हुए अमूम के बेटे यमश्रियाह भविष्यद्वक्ता पास भेजा ॥ ३। और उन्हों ने उसे कहा कि हिजकियाह यों कहता है आर दपट और खिझाव का दिन है क्ये कि बालक उत्पन्न होने पर हैं और जन्ने की सामर्थ्य नहीं। ४। क्या जाने परमेम्वर तेरा ईश्वर रब्बसाकी को सब बातें मनेगा जिसे उस के स्वामी अमुर के राजा ने जीयते ईनर को निन्दा करने को भेजा है और जिन बातों को परमेश्वर तेरे ईश्वर ने सुना है उन पर देोष देवे इस लिये बचे हुओं के कारण प्रार्थना कर ॥ ५ । सेो हिज़कियाह के सेवक यसश्रियाह पास आये ॥६तब यमश्रियाह ने उन्हें कहा कि तुम अपने खामौ से यों कहा कि परमेश्वर यह कहना है कि उन बातों से जिन्हें अस्र के राजा के सेवकों ने मेरे विषय में पाषंड कहा है मत डर। ७॥ देख मैं उन पर एक झोका भजंगा और बुह एक कोलाहल सुन के अपने ही देश को फिर जायगा और मैं उसे उमौ के द श में तलवार से मरवा डालूंगा । ८। से रब्बमाकी फिर गया और उभ ने असर के राजा को लिबमः से लड़ने पाया क्योंकि उस ने सुभा बुह लकीम से चला गया। । जब उस ने यह कहते मुना कि देखिये हश के राजा तिरहाकः ने तुझ पर चढ़ाई किई उस ने दूतों के द्वारा से हिजकियाह का फेर कहला भेजा। यहूदाह के राजा हिजकियाह से यो कहियो कि तेरा ईश्वर जिस पर तू भरोसा रखता है यह कहके तुझी छन न देवे कि यरूसलम असर के राजा के हाथ में सपा म जायगा॥ ११॥ देख तू ने सुना है कि अमूर के राजा ने सारे देश को नया नाश करके क्या किया और क्या तू बच जायगा॥ १२। क्या उन जालिगणेां के देव जिन्हें मेरे पितरों ने नाश किया है उन्हें छुड़ा सके अर्थात् जोज़ान और हररान और रसफ और अदन के सन्तान जो तिलासर में घे॥ थे१३। हमान के था कि