पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७८

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40 उत्पत्ति ४। और . और उस ने सहेलियों और उन के लड़कों को सब से आगे रकवा और लियाह और उस के लड़कों को पीछे और राखिल और यूसुफ के सब के पीछे ॥ ३। और बुह आप उन के आगे पार उतरा और अपने भाई पास पहुंचते पहुंचते सात बार भूमि ला दंडवत किई॥ एमा उसे मिलने को दौड़ा और उसे गले लगाया और उस के गले से लिपटा औरर उसे चूमा और वे रोये॥ ५। फिर उस ने अांख उठाई. और स्त्रियों को और लड़कों को देखा और कहा कि ये तेरे माथ कौन हैं और बुह बाला संतान जो ईश्वर ने अपनी कृपा से आप के सेवक को दिये ॥ ६। तब सहेलियां और उन के लड़के पास आये और दंडवत किई ॥ ७॥ फिर लियाह ने भी अपने लड़के समेत पास आके दंडवत किई अंत को यूसुफ और राखिल पास आये और दंडयन किई ॥ ८। और उस ने कहा कि इस जथा से जो मुझ को मिली तुझे क्या बुह बोला कि अपने प्रभु की दृष्टि में अनुग्रह पाऊं ॥ । तब एमा बोला कि हे भाई मुझ पास बहुत हैं तेरे तेरे ही लिये हावें ॥ नव यअब बोला कि मैं अाप को बिनती करता हूं यदि मैं ने आप की दृष्टि में अनुग्रह पाया है तो गेरी भेट मेरे हाथ से ग्रहण कीजिये क्योंकि मैं ने जो आप का मुंह देखा है जाना मैं ने ईश्वर का मुंह देखा और से प्रसन्न हुए। ११। मेरे आशीष को जो आप के आगे लाया गया है ग्रहण कीजिये कि ईश्वर ने मम पर अनग्रह किया है और इस लिये कि मुझ पाम मय कुछ है सेो वुह यहाँ ले गिड़गिड़ाया कि उस ने ले लिया। १२। और कहा कि आयो कंच करें और चलें और मैं तेरे आगे आगे चलूंगा ॥ १३ । तब उस ने उसे कहा कि मेरे प्रभु जानते हैं कि बालक कोमल हैं और झुंड और टेर दूध पिलानेवालियां मेरे साथ हैं और जो वे दिन भर हांके जायें नो सारे झुंड मर जायंगे ॥ १४ । से मेरे प्रभु अपने सेवक से पहिले पार जाइये और मैं धीरे धीरे जैसा कि ढार श्रागे चलेगे और बालक सह सकेंगे पलंगा यहां ले कि शीर को अपने प्रभु पास आ पहुंचौ ॥ १५ । तव एसो बेला अपने संग के कई एक तेरे साथ छोड़ जाऊ बुह बोला कि किस लिये में अपने प्रभु की दृष्टि में अनुग्रह पाऊ॥ १६ । श्राप मु