पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७७१

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१५ पञ्चे के राजा की २ पुस्तक ७६५ ने नबान के बेटे यरुबिधाम के पापो को जिम ने इमराएल से पाप करवाया कोड़ न दिया । २५ । परन्तु उन के सेनानि रमलियाह के बेटे फिक ने उस के विरुद्ध युक्ति बांधा और उसे मारून में घरजूब और अरिया और जिनिटी पचास मनुव्या सगेत राजा के भवन में मारा और उसे घात करके उस को मन्तो राज्य किया ॥ २६ । और फिहियाह की रही हुई क्रिया और सब जो उस ने किया से क्या दूसराएल के राजा के समयों के समाचार की पुस्तक में नहीं लिखा है॥ २७॥ यहूदाह के राजा अज़रियाह के बावनब बरस में रालयाह का बेटा फिका समरून में इसराएल पर राज्य करने लगा और उम ने बीम बरस राज्य किया। २८। और उम ने परमेश्वर की दृष्टि में बुराई किई और नबात के बेटे यविश्राम के पापों से जिस ने इसराएल से पाप करवाया अलग न हुअा ॥ २६ । इसराएल के राजा फिकः के दिनों में असूर तिगलतपिलासर ने आके ग्रेयून को और अबोलबैतमकः को और यूनहा को और कादिस को और हसूर को और जिशिअद को और जलील को चार नफनाली के सारे दश को ले के उन्हें असूर का बंधुआई में ले गया ॥ ३० । और एला के बेट हसौत्र ने रमलियाह के बेटे फिकः के विरुद्द में युक्ति बांधके उसे मारा और घात करके उज्जियाह के बेटे यूताम के बीसवें वरस उस की सन्तो राज्य किया॥ ३१। और फिकः की रहो हुई क्रिया और मब जो उस ने किया से क्या इसराएल के राजाओं के समयां के समाचार की पुस्तक में नहीं लिखा है। ३२ । और दूसराएल के राजा रमनियाह के बेटे फिकः के दूसरे बरस यहूदाह के राजा उज्जियाह का बेटा यूनाम राज्य करने लगा॥ ३३ । जब उस ने राज्य करना प्रारंभ किया तो वह पचौस बरस का या उस ने सोलह बरस यरूसलम में राज्य किया उस की माता का नाम यरूमा था जो सदक की बेटी थी॥ ३४ । उम ने परमेश्वर को दृष्टि में भलाई कई और जो कुछ किया से अपने बाप उजियाह के समान किया ॥ ३५ । तथापि ऊंचे स्थान अन्नग न किये गये और अब ला लोग ऊंचे स्थानों पर बलि चढ़ाते और धूप जलाने थे और उम ने परमेश्वर के मन्दिर का ऊंचा फाटक बनाया। ३६ । अब यूनाम की रही हुई क्रिया और सब जो