पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७७०

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

में नारा १५ । और पुस्तक राजावली [१५ पच्च वुह याहू से कहके क्षेला कि तेरे बेटे चौथी पीढ़ौ लेई दूसराएल के सिंहा- सन पर बैठगे वैसा ही सपर्ण इना॥ १३। यहूदाह के राजा उज्जियाह के राज्य के उतालीसवें बरस यबीस के बेटे मलूम ने राज्य करना प्रारंभ किया और उस ने समरून में एक माम भर राज्य किया। ५.४ । क्याकि जही का बेटा मुनहिम तिरजः मे समरून पर चढ़ आया और यौस के बेटे मलम का समरून और उसे घात करके उस की सन्तौ राज्य किया। मलम की रही हुई प्रिया और उस की युति जा उम ने बांधी से। क्या दूसराएलो राजाओ के समय के सामाचार की में नहीं लिखी है। १६। तब म नहिम ने तिफसह को उन मब समेत जो उस में थेतिरजः से लेके उस के सिवाने ले मारा इस कारण कि उन्हों ने उस के लिये न खाला दूम लिये उस ने मारा और उस में की सारी गर्भिणी स्त्रियों का पेट फाड़ा॥ १७। यहूदाह के राजा अजारियाह के उनतालीसवें बरन जद्दी के बेटे मुहिम ने दूसराएल पर राज्य करना प्रारंभ किया उस ने ममरून में दम बरस राज्य किया । १८। और परमेश्वर को दृष्टि में बुराई, किई और नबात के बटे यरुबिधान के पापों को जिस ने दूम राएल से पाप करवाया अपने जीवन भर न छोड़ा। १८ । तद असूरियों का राजा फूल देश के विरोध में चढ़ आया और मुहिम ने चालीस लाख रुपये के लग भग फूल को दिया जिसतं उस का साथी होके उस का राज्य स्थिर करे। २० । और मुहिम ने यह रोकड़ इमराएल से काढ़ा अर्यात हर एक धनी से पचास शैकस्न चाहो लिई और अमरियों के राजा को दिया सेो असरियां का राजा फिर गया और देश में न ठहरा॥ २१ । छार मनहिम को रहौ हुई, क्रिया और सब जा उस ने किया से क्या इसराएलौ राजा के समयों के समाचार की पुस्तक में नहीं लिखा है। २२ । और मुहिम ने अपने पितरों में शयन किया और उम के बेटे फिकहियाह ने उस कौ सन्तो राज्य किया। २३। और यहूदाह का राजा अजरिवाह के पचासवें बरस मुहिम का बेटा फिकहियाह समरून में इसराएलियों पर राज्य करने लगा उस ने दो वरस राज्य किया ॥ २४ । छोर परमेश्वर को दृष्टि में बुराई किई उम्