पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७६४

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७५८ राजावली [१३ पन्चे अखजयाह यहूदाह के राजाओं ने भरें चढ़ाई थीं और उस की अपनी पवित्र किई हुई बस्तु उस सब सोने समेत जो परमेश्वर के मन्दिर के भंडारों और राजा के भबन में पाया गया ले के अराम के राजा हजाएल पास भेजो नब वह यरूसलम से चला गया । १.८ । और यूआस की रहौ हुई क्रिया और सब कुछ जो उस ने किया सो क्या यहदाह के राजायों के समय के ममाचार को पुस्तक में लिखा हुआ नहीं है। २.। तब उम के सेवकों ने उठ के युक्ति बांधी और यास को मिला के घर में जो सिल्ला को उतरता है घात किया। २१। और सिमपात के बेटे यूज कर और सामिर के बेरे यहूजबद उम के सेवकों ने उसे मारा और बुह मर गया और उन्हों ने उस के पितरों के संग दाऊद के नगर में उसे गाड़ा और उस का बेटा असियाह उस को सन्नी राज्य पर बैठा। के १३ तेरहवां पढ़। के राजा अखजयाह के बेटे यूत्रास ने किया और मन्त्रह बरस राज्य किया ॥ २। और उस ने परमेश्वर की दृष्टि में बुराई किई और नबात के बेटे यरुबिश्राम के पापों का पीछा किया जिस ने इसराएल से पाप करवाया वुह उन से अलग न हुआ । ३। तब परमेश्वर का क्रोध दूसराएल पर भड़का और उस ने उन्हें अराम के राजा हजाएल को और हजाएल के बेटे बिनहट्द को उन के जीवन भर सौंप दिया। ४। और यहूअखज ने परमेश्वर को बिनती किई और परमेश्वर ने उस की मुनी इस लिये कि उस ने दूसराएल का सनाय जाना देखा क्योंकि अराम का राजा उन्हें सताता था ॥ ५ । और परमेश्वर ने इसराएल को एक उडारक दिया यहां लो कि वे अरामियों के वश से निकल गये और दूसराएल के सन्नान आगे की नाई अपने अपने डेरों में रहने लगे। ६। तथापि उन्हों ने यरु बिश्राम के घर के पापों को न छोड़ा उस ने इसराएल से पाप करवाया परंतु उसौ चाल पर चलता रहा और ममरून में भी कुंज बना रहा ॥ ७। और उस ने लोगों में से किसी को यह अखज़ के साथ न छोड़ा परंतु पचास घोड़