पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७५९

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

१. पब ने समस्त ७५३ १८। फिर याहू ने सब लोगों को इकट्ठा किया और उन्हें कहा कि अखिअब ने बअल की थोड़ी पुजा किई याहू उस की बहुत सौ पूजा करेगा। १८ । से अब चअल के सारे भविष्यद्वक्ता को और उम के मारे सेवकों और उस के सारे याजकों को मुफ पाम वलायो उन में से एक भी न कूरे क्योंकि मैं बअल के लिये बड़ा बलि चढ़ाऊंगा और जा कोई घटेगा सेो जीवता न बचेगा परन्तु याहू ने चतुराई में किया जिसने बअल के सेवकों का नाश करे। २० । और याहू ने कहा कि बाल के लिय पर्ब शुद्ध करो और उन्हों ने प्रचारा । याह इमराएलियों में भेजा और बल के सारे सेवक पाये ऐसा कोई न था जो न आया हो और वे बअल के मन्दिर में गये और वअल का मन्दिर दूस मिरे से उस सिरे ले भर गया। २२। फिर उस ने बस्त के घर के प्रधान को कहा कि सारे बअन के सेवकों के लिये वस्त्र निकाल ला से बुह उन के लिये वस्त्र निकाल लाया॥ २३। तब याहू और काब का बेटा यहमदब बअल के मन्दिर में गये और बअन्न के सेवकों से कहा कि खाजा और देखा कि यहां तुम्हारे मध्य में परमेश्वर के सेवका में से कोई न हो परन्त केबल बल के सेवक ॥ २४। और जब वे भेट और बलिदान चढ़ाने का भीतर गये याहू ने बाहर बाहर सौ जन को ठहरा रक्खा और उन्हें कहा कि यदि कोई इन लोगों में से जिन्हें में ने तुम्हारे हाथ में कर दिया है बच निकले तो उस का प्राण उस के प्राण की सन्ती हेागा॥ २५ । और ऐसा हुआ कि ज्या बुह होम की भेंट चढ़ा चुका तो याहू ने पहरू को और प्रधानों को आज्ञा किई कि घुसे और उन्हें मार डाला एक भी बाहर निकलने न पाये से उन्होंने उन का तलवार की धार से मार डाला और पहरू और प्रधान उन की लाथा को बाहर फेक के बअल के मन्दिर के नगर में गये ॥ २६ । और उन्हां ने बअल के मन्दिर की मूतों को निकाला और उन्हें जला दिया॥ २७ और बल की मूर्ति को चकनाचूर किया और बअल का मन्दिर ढा दिया और आज के दिन लो दिशा फिरने का घर बनाया। २८। या याहू ने बङ्गल को इसराएल में से नष्ट किया। २६ । परन्तु याहू ने उन पापों का जो नवान के बेटे याविश्राम ने [ [A. B. 3.) 95