पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७५८

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राजावलो [२. पर्व राजपत्रों को मार डाला और उन के मस्तको को टोकरों में रख के उस पास यजरअरेन में भज्ञा । ८। तब एक दूत पाया और यह कह के उसे बोला कि वे राजपुत्रों के मस्तक लाये हैं वह बोला कि नगर के फाटक की पैठ में बिहान लो उन की दो ढेर कर रकदो। ८ । और यों हुआ कि मातकाल को वुह बाहर ना के खड़ा हुआ और सब लोगों से कहा कि तुम धर्मी हेो देखो मैं ने तो अपने खामी के बिरुट्स गुष्ट बांध के उसे बधन किया पर इन सभा को किस ने धान किया। १.। अब जानो कि परमेश्वर के बचन में से जो परमेश्वर ने अखिअब के घर के विषय में कहा था कोई बात भूमि पर न गिरेगी क्योंकि परमेश्वर ने जो कुछ कि अपने सेवक इलियाह के द्वारा से कहा था उसे पूरा किया ॥ ११ । सो याद ने उन मब को जर अख़ित्रब के घराने से यजरऐल में बच रहे थे और उस के ममस्त महत जनों को और उस के कुटुम्बां को और उस के याजको को मार डाला यहां लो कि एक को भी न छोड़ा॥ १२। फिर वुह उठा और चल के समरून को आया और ज्यो वुह बैतएकह गड़ेरौयां के मार्ग के निकट पहुंचा। १३ । तव याहू ने यहूदाह के राजा अखा- याह के भादों को पाया और कहा कि तम कौन और वे बोले कि हम अखजयाह के भाई राजा और रानी के पड़ों के कुशन के लिये जाते हैं। १४ । नव उस ने आज्ञा कि ई कि उन्हें जीते पकड़ लेओ से उन्हों ने उन्हें जौते पकड़ लिया और उन्हें अर्थात् बयालीस को बैनएकद के गडहे पर मार डाला उन में से एक को न कोड़ा। १५ । फिर वहां से चला और रैकाब के बेटे यादव को पाया जा उस के भेंट करने को आता था तब उस ने उसे श्राशीष दके पछा कि जैसा मेरा मन तेरे मन के साथ है क्या वैसा तेरा मन ठ क है तब यहूनदब ने उत्तर दिया कि है यदि है। वे तो अपना हाथ मुझ द से उस ने अपना हाथ दिया और उम ने उसे रथ पर अपने साथ बैठा लिया ॥ १६। और कहा कि मेरे साथ चल और परमेश्वर के लिय मेरा ज्वलन देख सो बुह उस के साथ रथ पर बैठ लिया। १७। और जब वह समरून में पहुंचा तो उस ने उन सभों को जा अरि अब के बच हुए थे मार डाला यहां लो कि जैसा परमेश्वर ने लियाह के द्वारा से कहा था उस ने उसे नष्ट कर दिया।