पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७३२

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[२२ पर्च ४० । चौर गीजावली ठहरा रहा और मांझ होने होते मर गया और लोहू उस के घाव से रथ में बहि निकला ॥ ३६ । और सूर्य अस्त होते हुए समस्त सेना में प्रचार हुआ कि हर एक जन अपने अपने नगर और अपने अपने देश को जाय॥ ३७ । सेो राजा मर गया और उसे समरून में ले गये और समरून में राजा को गाड़ दिया। ३८। और रथ को समान के में धावा और कुत्तों ने उस का लोहू चाटा और बेश्ययि धोती थीं उस बचन के समान जैसा परमेश्वर ने कहा था ॥ ३६ । और अखिमब की रही हुई क्रिया और सब जो उस ने किया था और हाथी दांत का भवन जो उन ने बनाया और जो जा नगर उस ने बनाये से क्या दूसराएल के राजा के समयों के समाचारों की पुस्तक में नहीं लिखा है। अखिअब ने अपने पितरों में शयन किया और उस का बेटा अखजयाह उम को मन्तो राज्य पर बैठा। ४१। और दूसराएल के राजा अखिअब के चौथे बरस अासा का बेटा यह मफत यहूदाह पर राज्य करने लगा। ४२ । यहसफत पैंतीस बरस का होके राज्य करने लगा और उस ने यरूसलम में पचीस बरस राज्य किया उस की माता का नाम अजूबा था वुह सोलहो की बेटी थी॥ ४३। और वह अपने बाप अामा के सारे मार्ग में चलता था बुह उसे परमेश्वर की दृष्टि में भलाई करने से न तथापि ऊंचे स्थान अलग न किये गये और उन ऊंचे स्थानों पर लोग भेंट चढ़ाते और धूप जलाते रहे। ४४। और यहूमफत दूसराएल के राजा से मिलाप किया ॥ ४५। अब यहूसफत की रही हुई क्रिया और उस के पराक्रम जो उम ने दिखाया और किस रौति से यह किया सो क्या यहूदाह के राजाओं के समयों के समाचार की पुस्तक में नहीं लिखा ॥ ४६। और उस ने गांडुओं को जो उम के बाप आसा के समय में रह गये थे देश में से दूर किया। ४७। उस समय अदूम में कोई राजा न था परंतु एक उपराजा राज्य करता था। ४। यहतफत ने नरके जहाज बनवाये जिसने छोफीर से सोना मंगवावे न गये क्योंकि असयनजब में जहाज मारे गये । ह। तब अखिअव के बेटे अखजयाह ने यक्सफत से कहा कि जहाजों पर अपने सेवकों के साथ मेरे सेवकों को भी जाने दौजिये परन्तु यहूमफत ने न माना ॥ ५ ० | परन्तु वे वहां लों