पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/७१९

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१८ पब्बे को १ पुस्तक । २८। तब वे बड़े शब्द से चिल्लाये और अपने व्यवहार के समान आप को कूरिया और गोदनिया से यहां लो गोदा कि वे लोह लुहान हो गये। २६ । और ऐसा हुआ कि दोपहर ढल गया और बलिदान चढ़ाने के समय लो भविष्य कहते रहे परन्नु न कुछ शब्द हुश्रा न कोई उत्तर देवैया न बुझवैया ठहरा ॥ ३. । तब इलियाह ने सारे लोगा से कहा कि मेरे पास आओ और सारे लोग उस के पास गये तब जम ने परमेश्वर को ढाई हुई बेदी को सुधारा ॥ ३१ । और यअकब के सन्तान को गोष्ठियों के समान जिनके पाम यह कह के परमेश्वर का बचन आया था कि तेरा नाम दूसरापल होगा इलियाह ने बारह पत्थर लिये। ३२। और उन पत्थरों से उस ने परमेश्वर के नाम के लिये एक बेदी बनाई और बदी के आस पास उस ने ऐसौ बडो खाई खादी जिम में दो नपुए बीज अमावे । ३३ । गौर लकड़ियों को चुना और बैल को काट के टुकड़ा टुकड़ा किया और लकड़िया पर धरा और कहा कि चार पोपा पानी से भर दो और उस होम के बलिदान पर और लकड़िया पर उड़ेले ॥ ३४ । और उस ने कहा कि दूसरी बेर उड़ले उन्हेंा ने दूसरी बेर उड़ेला फिर उस ने कहा कि तीसरी बेर उडलो और उन्हो ने तीसरी बेर उड़ेला॥ ३५। और पानी बेदी की चारों ओर बहा चौर खाई को भी पानी से भर दिया ॥ ३६ । और बलिदान चढ़ाने के समय ऐमा हुया कि इलियाह भविष्यद्वका ने पाम् आके कहा कि हे परमेश्वर अबिरहाम और इजहाक और इस- राएल के ईमार आज जाना जाय कि इसराएल में तू ईश्वर है और कि मैं तेरा सेवक हू और मैं ने तेरे बचन से यह सब किया ॥ ३७॥ हे परमेश्वर मेरी सुन मेरी सुन जिमत ये लोग जान किन हो परमेम्बर ईश्वर है और उन के अंतःकरण को फेर दिया है ॥ ३८ । तब परमेश्वर की आग उतरी और हेम के बलिदान को और लकड़ो को और पत्थरों को और धन को भसा किया और खाई. के जस को चाट लिया। ३६ । और जच सारे लोगां मे यह देखा तब वे अधि मह मिरे और बोले कि परमेश्वर वहीं ईश्वर है परमेश्वर वही ईश्वर है तब इलियाह ने उन्हें कहा कि बअन्न के भविश्यहना को पकड़ा उन में से एक भी न बच से। उन्हों ने उन्हें पकड़ा और इलियाह उन्हें किसून का [A. B.S.) 90