पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/६५६

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समूएल (२. पब्ब २. बीसवां पढ़। ग पर संयाग से वहां एक दुष्ट पुरुष था जिस का नाम सबन जा दिन- यमौन विकरौ का बेटा था और उस ने नरसिंगा फंकके कहा कि हम दाऊद में कुछ भाग नहीं रखते और हम यरमी के बेटे में कुछ अधि- कार नहीं रखते हैं हे इसराएल हर एक जन अपने अपने तंबू में जाय ॥ २। सेा इसराएल का हर एक जन दाऊद के पीछे से चला गया और बिकरी के बेटे मबय के पौछे हो लिया परंतु यहूदाह के मनुष्य यरदन से ले के यरूसलम लो अपने राजा के साथ बने रहे। ३। और दाजद यरू मलम में अपने घर को पहुंचा और राजा ने अपनी दस दासियों को जिन्हें बुह घर की रखवाली के लिये छोड़ गया था ले के दृष्टि बंध किया और उन्हें भोजन दिया परंतु उन के पास न गया से वे जीवन भर जीवन के रंडापे में बंद रहीं ॥ ४ । तब राजा ने अमासा को कहा कि तीन दिन के भीतर यहूदाह के मनुष्यों को मुझ पास यहां एकट्ठा कर और तू भी यहां हो॥ ५ । सो श्रमासा यहूदाह को एकट्ठा करने गया परंत ठहराये हुए समय से उसे अबेर हुआ॥ ६ तब दाजद ने अविशे से कहा कि अब बिकरी का बेटा सब अबिभन्नुम से हमारी अधिक बुराई करेगा सो तू अपने प्रभु के सेवकों को ले और उस का पीछा कर न हो कि बह बाड़े के नगरों में पैंठे और हमारी दृष्टि से बच निकले ॥ ७ । से। उस के माथ यूअब के मनुष्य और करौती और पलीती और समस्त बीर निकले और यरूसलम से बाहर गये कि बिकरी के बेटे सब का पीछा करें॥ ६। और जब वे जिबघून में बड़े पन्थर के पास पहुंचे तो अभासा उन के आगे आगे जाता था और यूअब का बरन जो बुह पहिने था से उम पर लपेटा हुश्रा था और उस के ऊपर एक करिबंध और एक खड्ग काठी समेत उस की कटि पर कसा हुआ था और उम के जाले जाने निकल पड़ा॥ ६॥ अमामा को कहा कि भाई तू कुशल से है और यूअब ने अमासा को चमने को अपने दहिने हाथ से उस की दाढ़ी पकड़ी। १० । परंतु यूअब के हाथ के खड्ग को अभासा ने मुर्त न किया सो उम ने उसे उस के पांजर में मारा कि उस की अंतड़ियां भूमि पर निकल पडों और से यूअच