पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/६१७

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३ पद] को २ पुस्तक । मंगवाया ॥ १६। और उस का पति उस के पीछे पीछे बहरीम लों रोता चला गया तब अविनयिर ने उसे कहा कि चल फिर जा तब बुह फिर गया ॥ १७। और अविनयिर ने इमराएल के प्राचीनों से संबाद करके कहा कि तुम ना पहिले हो चाहते थे कि दाऊद को अपना राजा करो ॥ १८। दाजद के विषय में कहा है कि मैं अपने दास दाऊद की ओर से अपने इसराएलौ लोगों को फिलिस्तियों के और उन के सब वैरियों के हाथ से बचाऊंगा। १८। और अविनैयिर ने बिनयमौनों के कानों में भी कहा और फिर अविनयिर हबरून को चला कि दाऊद के कानों में भी कहे कि इसराएलियों को और बिनयमोनियों के सारे घराने को अच्छा लगा॥ २० । सो अबिनैयिर हबरून में दाऊद पास आया और बीस जन उस के साथ थे और दाऊद ने अविनैयिर का और उन लोगों का जो उस के साथ थे नेउता किया॥ २१॥ और अविनविर ने दाजद से कहा कि अब मैं उठ के जाऊंगा और सारे इमराएल को अपने प्रभु राजा के लिये एकट्ठा करूंगा जिसने वे तुझ से बाचा बांधे और तू तू अपनी इच्छा के समान उन पर राज्य करे तब दाऊद ने अविनयिर को विदा किया और बुह कुशल से चला गया ॥ २२ । और देखा कि उस समय दाऊद के सेवक और यू अब एक जथा से बहुत सौ लूट अपने साथ लेके आये परंतु अबिनैयिर हबरून में दाजट पास न घा क्योंकि उस ने उसे विदा किया था और बुह कुशल से चला गया था॥ २३। जब यूअब और सेना के लोग जो उस के साथ थे पहुंचे तब उन्हों ने यह कहके यूअब से कहा कि नैयिर का बेटा अविनयिर राजा पास आया था और उस ने उसे फेर दिया और बुह कुशल से चला गया। २४ । नब यूअब राजा पास गया और बोला कि आप ने क्या किया देखिये अविनैयिर आप के पास भाया और आप ने उसे क्यों छोड़ दिया कि वुह चल निकला ॥ २५ । आप नैयिर के बेटे अविनै यिर को जानते हैं कि वह आप को छल देने और आप के बाहर भीतर आने जाने से और सब जो आप करते हैं जान्ने को आया था। २६ । नब अब ने दाजद पाम से निकल के अविनयिर के पीछे भेजे जो उसे हासौरः के कूयें से फेर लाये परंतु दाऊद ने न जाना ॥ २७। और जब अबिनै यिर हवरून को फिर पाया यूअब उसे फाटक [A. B.S.] 77