पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/५९३

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को पुस्तक और उन रहता। २३ पब्बे मैं हंगा और मेरा पिता साऊल भी यह जानता है। १८। दोनों ने परमेश्वर के भागे बाचा बांधी और दाऊद बन में ठहर रहा और यहून तन अपने घर गया ॥ १९ । तब जैफ के लोग जिबिश्नः में साजल पाम चढ़ आके बोले कि क्या दाजद दृढ़ स्थाने में हमारे मध्य एक बन में हकौल: पहाड़ पर जायसीमन की दक्षिण दिशा में है नहीं २० । सेा हे राजा अन तू चन्न और अपने मन के समान उतर श्रा और हमें उचित है कि उसे राजा के हाथ में सैप देव ॥ २१ । तब साजन बोला कि परमेश्वर तम्हें प्राशोष देवे क्योंकि तुम ने मुझ पर ट्या किई ॥ २२। अब जाओ और और भी जुगत करो और देखेर कि उस के लुकने का स्थान कहां है और किसने उसे वहां देखा है क्योंकि मुझे कहा गया कि वुह बड़ी चौकसी करता है। २३ । सो देखा और सन लुकने के सारे स्थानों को जहां वुह छिपता है जाना और ठीक संदेश लेके मुझे पास फिर आओ और मैं तुम्हारे साथ जाऊंगा और यों होगा कि यदि वुह देश में हावे मैं उसे यादाह के नारे सहसों में से ढूंढ लेऊंगा! २४ । तब वे उठे और साऊल से आगे जैफ को गर्य परंतु दाऊद अपने लोगों सहित भजन के बन में यसौमून के दक्षिण दिशा को एक चौमान में था। २५ । माऊल और उस के लोग भी उस को खाज को निकले और दाऊद का समाचार पहुंचा इस लिये वुह पहाड़ी से उतर के मजन के बन में जा रहा और साजल ने के मजन के बन में दाऊद का पीछा किया। २६ । चौर साजन पर्वत की इस अलंग चला गया और दाऊद और उस के लोग पर्वत को उस अलंग और दाजद ने माऊल के डर से हाली किया कि निकल जाय क्योकि साजल और उस के लोगों ने दाजद को और उस के लोगों को पकड़ने को चारों ओर से घेर लिया॥ २७॥ उस समय एक दूत ने सामज प स याके कहा कि हानी था कि फिलिस्तो देस में फैल गये। २८ । सेर इम लिये साजन्न दाऊद के खेदने रो फिरा और फिलिस्तियों के सन्मुख हुशा इस कारण उन्होंने उस स्थान का नाम विभाग का यह सुन चरान धरा। 74 [ (A. R. 8.]