पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/५५६

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५४८ समएल तम अपने राजा के कारण जिसे तुम ने चुना है दोहाई दागे उस दिन परमेश्वर तुम्हारी न मनेगा। ५६। तिस पर भौ उन लोगों ने समूएन की बात न मानी पर बोले कि नहीं परंतु हम एक राजा लेंगे। २. जिसने हम भी समस्त जातिगणां के समान होवें और जिसने हमारा राजा हमारे लिये न्याय करे और हमारे आगे आगे चले और हमारे लिये संग्राम करे। २१ । नब समूएन ने मंडली की सारी बातें सुनी और परमेश्वर के श्रवण ले। पहचाई॥ २२। और परमेश्वर ने समएल को कहा कि तू उन का शब्द सुन और उन के लिये एक राजा ठहरा तब समूएल ने इसराएल के मनुष्यों से कहा कि हर एक अपनी अपनी बस्ती को जावे। (नबां पर्च। ब बिनयमीन का एक जन था जो अफीह के बेटे बकरत के बेटे मरूर के बेटे अविएल का बेटा जिस का नाम कीस था वुह बिनयमीनी और महाबनी था। २। और उम के एक बेरा था जिस का नाम माऊल जो सुंदर और चुना हुअा तरुण था और इसराएल के संतानों में उरसे कोई अधिक सुंदर न था मारे लोगों में कांधे से लेके ऊपर लो ऊंचा घा॥ ३। और साजल के पिता के गदहे खो गये थे सो कीस ने अपने बेटे माऊल को कहा कि सेवको में से एक को अपने साथ ले और उठ जा गद हों को टूढ़ । ४। सेो घुह इफरायम पहाड़ में से और सलीमः के देश में होके निकना परंतु न पाया तब वे सअनीम के देश में से निकले परंतु वहां भी न पाया और वुह बिनयमान के देश में होके गया परंतु न पाया ॥ ५ । तब वे सूफ के देश में आये और माऊल ने अपने साथ के सेवक को कहा कि आफिर चलें एसा न हो कि मेरा पिता गदहा को छोड़ हमारे लिये चिंता करे। ६। उस ने उसे कहा कि देख इम नगर में ईमार का एक जन है जो प्रतिष्ठित है जो कुछ बुह कहता है से निश्चय होता है या उधर जायें क्या जाने कि जो मागे हमें जाना उचित है बुह हमें बता सके। ७। तब साजल ने अपने सेवक से कहा कि देख यदि हम जायें तो हम उस जन के लिये क्या