पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४६९

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प की पुक्षक । और । और नगर के फाटक २० बीसवां पर्च कार परमेश्वर यहसू से कइके बोला। २। कि दूसराएल के संतान को यह कहके बोल कि अपने लिये शरण के नगर ठहरायो जिम के विषय में मैं ने तुम्हें मूसा के द्वारा से कहा ॥ ३ ॥ जिमतें वह घातक जो अज्ञान से अथवा धाकस्मात् किसी को मार डालके वहां भागे तो लोह के पलटा लेवैये से वे तुम्हारे शरण हेावें॥ ५। जब कोई उन में से किमो एक नगर में भाग जाय तो की पैठ में खड़ा रहे और उस नगर के प्रधानों से अपना समाचार वर्ण न करे तब वे उसे नगर में अपने पास लेवें और स्थान देवें कि वुह साथ रहे॥ ५ । और यदि घात का पलटा लेवैया उसे खेदे तो वे घातक को उसे न सोपे क्योंकि उस ने अपने परोसी को अज्ञान से मारा और उस्मे आगे बैर न रखता था॥ ६। और बुह उसी नगर में रहे जब ले न्याय के लिये मंडली के आगे न खड़ा हे।वे और जब लो प्रधान याजक न मरे जो उन दिनों में होवे उस के पीछे वुह घातक फिरे और अपने नगर में और अपने घर में जाय उस नगर में जहां से वुह भागा था। ७। सो उन्हों ने बचाव के लिये जलील में कादिश को नफ़ताली पर्वत पर और दूफ़रायम पर्वत पर शकीम को और करयतअरव को जो हबरून है यहूदाह के पहाड़ में पवित्र किया। ८। और यरदन के पार यरीत के पास और पूर्व दिशा को बुख के अरण्य में रूबिन के संतान को गोष्ठी के चरगान में और रामात जिलिअद में जो जद की गाठी का है और जौलान मनमो की गोष्ठी के बसन में ठहराया | सारे इसराएल के संतान के लिये और उस परदेशी के लिये जो उन में बसता है दून बस्तियों को ठहराया जिमतें जो कोई कि अज्ञान से किसी को मार डाले से उधर भागे और जब ले कि मंडली के आगे न आवे तब ले लोह के पलटा लेवेय के हाथ से मारा न जाये।