पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४६२

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४५४ यह १७ पर्व किया परंतु कनधानो इफरायमियों में श्राज के दिन लो बस्तु हैं और सेवा करते हैं। १७ सनरहवां पद। नरही की गोष्ठी ने भी अधिकार पाया क्योंकि वुह यमुफ का पहिलोठा धामो जिलिद के पिता मनझो के पहिलोंठ मकौर ने जो लड़का था जिसिअद और वशन अधिकार पाया । मुनस्मो के संतान के उबरे हुओ को उन के घराने के समान अधिकार मिला अबिअज़र के मंतान के लिय और खलक के संतान के लिय और यप्तरएन के मनान के निये और सिकम के संतान के लिय और हिफके संतान के लिय और निमौदान के संतान के लिये यूसुफ क बेटे मुनरमी के धरानो के समान पुरुष बालक ये थे। ३ । परंत मुररमो का बा मकौर का बेटा जिनिअद का बेरा हिफ़ का बटा सिसा फोहाद के बेट न थे परंतु बेटियां थीं जिन के नाम ये हैं महलः बार हजल: और न श्रः और मिलकः और निरजः॥ इलिजर याजक और नून के बेरे यहूपच के और मधाने के आगे श्रा बालों कि ईश्वर ने मना को चाज्ञा किई कि वुह हमारे भाइया के मध्य में हमें अधिकार देने से ईश्वर की याज्ञा के समान उस ने टन के पिता के भाइयों में उन्ह अधिकार दिया। ५। सेो जिलिद पर बशन के देश को छोड़क जो यरदन के उस पार है मनमी को दम भाग पड़॥ ६ । इस लिये कि मुसरसो की वरियों ने अपने भाइयों के साथ अधिकार पाया था और ममझौ के उबरे हुए वरों ने जिलिऋद का देश पाया ॥ ७॥ ौर यसर से लेके मिकमतान ले जो निकम के माम्न है मुनरमो का मिवामा था और सिवाना दहिने से निकलक ऐनतु फाफाह के बामौ ले गया। ८। तुफफाह का देश मुनमी का था परंतु तुफफाह जो मुनरमी के सिवाने में था इफरायम के सनान का भाग था । । सो उम का तौर नल की नाली को दक्षिण और था चार इफरायम के ये नगर मुन रशी के नगरों में मिले हैं और मुनगी का तौर उत्तर की नदी से था और उस के निकास समुद्र में थे॥ १. 1 से दक्षिण दिशा ४। सो