पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/४१८

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

४१. पार न जायगा। पार जायगा। विवाद [३१ पर्न देश में वास करे जिस के कारण परमेश्वर ने तेरे पिनर अबिरहाम और दूजहाक और यअकब से किरिया खाके कहा कि मैं उसे तुम्हें देऊंगा। ३१ एकतीसवां पर्च। व मृमा ने जाके ये बातें ममस्त इसराएत से कहीं ॥ २। २। और उस एक का हं में भीतर बाहर जा नहीं सक्ता चौर परमेश्वर ने भी मुझे कहा है कि तू यरदन ३ । परमेश्वर तेरा ईश्वर ही तेरे श्रामे भाग पार जायगा और वही इन जातिगणों को तेरे आगे नाश करेगा और तू उन्हें वश में करेगा और यहअ परमेश्वर के कहने के समान तेरे आगे आगे ।। और परमेश्वर उन से वैमा ही करेगा जैसा उस ने अमूरियों के राजा मोहन और जज से और उन की भूमि से किया जिन्हें उस ने नाश किया। ५। और परमेश्वर उन्हें तुम्हारे आगे सौंप देगा जिमनें तुम उन से सब अाज्ञाओं के समान जा मैं ने तुम्हें कहौं करो। ६ । पाढ़ होना और माहस करो भय न करो और उन से मत डरो कयांकि परमेश्वर तेरा ईश्वर जो तेरे साथ जाना है बुह तुझे न छोड़ेगा न त्याग करेगा। ७. फिर मूमा ने यहनन को बुलाया और सारे इसराएल के आगे उसे कहा कि दृढ़ हो और साहस कर क्योंकि तू इन लोगों के साथ उस देश में प्रवेश करेगा जिस के देने के विषय में परमेश्वर ने उन क पितरों से किरिया खाई और तू उन्हें उस का अधिकारी करेगा। ८॥ और परमेश्वर तेरे आगे आगे जाता है वह तेरे साथ रहेगा वुह तभी न छोड़ेगा न त्याग करेगा से. तू भय मत कर और मत डर॥ । और भूसा ने इम ब्यवस्था को लिखा और लावौ के बेटे याजको कोजो परमेश्वर के साक्षी की मंजूषा को उठाते थे और दूसराएल के समस्त माचीनों को सौर दिया ॥ ९० । और मूमा उन्हें यह कहके वाला कि हर एक सात वरम के अंत में छुटकारे के ठहराये हुए समय में तंब के पर्व में ॥ ११। जब कि सारे इसराएल परमेश्वर तेरे ईश्वर के आगे उस स्थान पर जिसे वुह चुनेगा जाया करें जब तू इस व्यवस्था को पढ़के समस्त इसराएल को सुनाया कर। १२ । समस्त पुरुषों और स्त्रियों को और