पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/३९५

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२. पन्चे पुस्तक । की कि हे इसराएलियो सुनो तुम आज के दिन अपने बैरियों से लड़ाई करने को जाते हा से तुम्हारा मन न घटे डरो मत्त और मत घबराया और उन से मत थर्थरायो। है। क्योंकि परमेश्वर तुम्हारा ईश्वर तुम्हारे माथ जाता है कि तुम्हारे लिय तुम्हारे वैरियां से लड़ के तुम्हें बचाओ॥ ५। और प्रधान लोगों से कहे और बोले कि तुम्में कौन मनुष्य है जिम ने नया घर वनाया है। और उसे नहीं स्थापा है बुह अपने घर को फिर जाय ऐसा न हो कि बुह लड़ाई में मारा जाय और दूसरा मनुष्य उसे स्थापे ॥ ६। और कौन मनुष्य है जिस ने दाख को बारी लगाई है। और उस के फल न खाये हो वुह अपने घर को फिर जाय एसा न हो कि बह लड़ाई में मारा जाय और टूमरा उसे खावे॥ ७॥ और कौन मनुष्य है जो किसी स्त्री से बचनदन हुआ है और वह उसे घर न लाया हे। बुद्ध अपने घर को फिर जाय ऐसा न हो कि वुह लड़ाई में मारा जाय और दृमरा उसे लेवे॥ ८। और प्रधान लोगो से यह भी कहे कि कौन मनुष्य है जो डरपोकना औरर असाहसी अपने घर को फिर जाय न हो कि उस के भाइयों के मन डम के मन को नाई बेद हो जाये।। और या हो कि जब प्रधान लोगां से कह चुके तो वे सेना के प्रधानों को ठहरावें कि लोगों की अगाई करें। २० । जब तू लड़ाई के लिये किसो नगर के निकट पहुंचे तो पहिले उस्म मिलाप का प्रचार कर यदि वह तुझे मिलाप का उत्तर दवे और तेरे लिये द्वार खोले। ११ तब यो होगा कि मव लोग जो उस नगर में हैं तेरे करदायक होंगे और तेरी सेवा करेंगे। १२। और यदि वह तुझ से मिलाप न करे परंतु तक से लडाई करे तो तु उसे घेर ले ॥ १३ । और जब परमेश्वर तेरा ईश्वर उसे तेरे हाथ में कर देवे तू वहां के हर एक पुरुष को तलवार को धार से मार डालियो । १४ । केवल स्त्रियां और लड़कों और पशुन को उन सब समेत जो उसनगर में हो लूट ले और तू अपने बैरियों की लूट को जा तेरे परमेश्वर ईश्वर ने तझे दिई हैं खा॥ १५ । तू उन सब नगरों से जो तुझ से बहुत दूर हैं और इन जातिगणों के नगरों में से नहीं हैं ऐमा करना ॥ १६ । परंतु इन लोगों के नगरों को जिन्हें परमेश्वर तेरा ईश्वर तेरा अधिकार कर देता है किमी को जो सांस लेता हो जीता न छोड़ना ।