पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/३४६

यह पृष्ठ अभी शोधित नहीं है।

२३८ गिनती शिर जायगा ३४चौतीसवां पई। फिर परमेश्वर मसा से कह के वाला। 21 कि इसराएल के संतानों को आज्ञा कर और कह कि जब तुम कनान के देश में पहुचा [ बह देश जो तुम्हारे अधिकार में पड़ेगा अर्थात् कनान का देश उस के भिवाने सहित ] ॥ ३। तब लोन के वन से अटूम के सिवाने लो तुम्हारी दक्षिण दिशा होगी और तुम्हारा दक्षिण सिवाना खारी अंत तौर पर्व दिशा होगी। ४ । और तम्हारा दक्षिण सिबाना अकरावोम के चढ़ाव के मार्ग लो घेरेगा और सौन लो पहुचेगा और कादिशबरनी की दक्षिण की ओर निकलेगा और हसरदार ले और अजमून ले चला जायगा। ५। और यह सिवाना अजमन से घन के मिस्र की नदी ला पहुंचेगा और उन का निकास समुद्र से होगा। ६। और तुम्हारा पश्चिम का मिशना महा समुद्र होगा यही तुम्हारा पश्चिम सिवाना होगा। ७। और यह तुम्हारा उत्तर मिवाना होगा महा समुद्र से हूर पर्वत लो॥ छ। और हर पहाड़ से हमात के पैठ ले और वुह मियाना सौदाद लो जायगा । । और वुह सिवाना जिफरून को और उस का निकास हमर अनान से हो जायगा यही तम्हारी उत्तर दिशा है। १.। और तुम अपने लिये पर्व दिशा सर ऐनाम से ले के सफाम लेां ठहराइयो॥ ११ ॥ और उस का सिवाना सफाम से लेके रिबल: लो बाईन के पर्व और होगा और सिवाना वहां से उतर के किनारान के समुद्र की पूर्व दिशा में मिलेगा॥ १२। और उस का सिवाना यरदन को उतरेगा और उस का निकास खारी समुद्र ला होगा यही तुम्हारे देश और उन के तौर समेत चौदिशा में होंगे। १३ । फेर मूमा ने दूसराएल के संतानों से कहा कि यह बुह देश है जिन के अधिकारी तुम चिट्टो से होगे जिस के विषय में परमेश्वर ने कहा कि तू साढ़े नब गोष्ठियां को बांट दीजियो॥ १४॥ क्योंकि रूबिन की गोष्ठी ने अपने पित्तरों के घराने के समान और जद के संतान ने अपनी गोष्ठी के घराने के समान और मुनस्सी की आधी गोष्ठी ने अपने घराने के समान पाया। १५ उन अढ़ाई गाष्ठियों ने यरदन