पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/३४१

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३२ पब्वै] को पस्तक । ३३३ ७. जिस देश को परमेश्वर ने उन्हें दिया है उस में जाने से इसराएल के सवानों के मन को क्यों बराते हो। ८। जब म ने तुम्हारे पितरों को कादिसबरनौज से उस देश को देखने भेजा उन्हों ने भी ऐसा ही किया। और जब वे इस काल की तराई को पहुंच और उस देश को देखा तो उन्हों ने इसराएल के संतानों के मन को घटा दिया जिसने वे उस देश को जो परमेश्वर ने उन्हें दिया था न जावें ॥ १. । और तभी परमेश्वर का क्रोध भड़का और उम ने किरिया खाके कहा। ११। कि निश्चय लोगों में से जा मिख से निकले बीस बरम से ले के ऊपर लो कोई उस देश को जिम के विषय में में ने अबिरहाम और इज़हाक और यअकव से किरिया खाई है न देखेगा इस कारण कि वे निरधार मेरी बात पर न चले ॥ १२ । केवल कनोजी यफुन्नः का बेटा कालिन और नन का बेटा यहूसूअ क्योंकि वे परमेश्वर की ओर निरधार चले ॥ १३। तब परमेश्वर का क्रोध इसरारल पर भड़का और उस ने उन्हें वन में चालीस बरस लो भरमाया यहां लो कि बुह समस्त पीढ़ी जो परमेश्वर के आगे बुराई करती थी नष्ट हुई॥ १४ । पौर देखा तुम लोग अपने पितरों को संती पाप मय जन बढ़ गये हो जिस परमेश्वर के क्रोध को दूसराएनियां को और बढ़ाओ॥ १५ । यदि तुम उस्मे फिर जायोगे तो वुह उन्हें फिर बन में छोड़ देगा और तुम इन सब लोगों को नाश करोगे ॥ १६। तब वे उस के पास आये और बोले कि हम अपने ढोर के लिये यहां भेड़ शाले और अपने बालकों के कारण नगर बनावगे। १७। पर हम हथियार बांधे हुए लैस होके इमराएल के संतानों के आगे आगे जायगे यहां लो कि उन्हें उन के स्थान लेने पहुंचावें और देश के वासियों के कारण हमारे बानक रित नगरों में रहगे । १८। हम अपने घरों का न फिरंगे जब लो इसराएल के संतानों में से हर एक अपना अपना अधिकार न पा लेवें ॥ १६। क्योकि हम उन के संग यरदन के उस पार अथवा भाग अधिकार न लग इस लिये कि हमारा अधिकार पर्व का घरदन के इस पार मिला है। २० । मूसा ने उन्हें कहा कि यदि तुम यह करो और परमेश्वर के आगे हथियार बांधे हुए जाओगे॥ २१ । और हथियार बांध के परमेश्वर के धागे यरदन के