पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/३३

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१४ पर्छ औ की पुस्तक। २३ बनूनों में जो हबरून में है आ रहा और वहां परमेश्वर के लिये एक बेदी बनाई। १४ चौदहवां पर्च। र मिनार के राजा अमराफिल के और इलासर के राजा अर- यक के और औलाम के राजा किदरलाउमर के पार जाति गणों के राजा निदाल के दिनों में यां हुआ । २। उन्होंने सदूम के राजा बरअ से और अमरः के राजा बिरश से और अदमः के राजा मिनिअब से और जिबीन के राजा शिमिबर से और बालिग के राजा से जो सुग्र है संग्राम किया ॥ ३। ये सब सिद्दीम की नराई में जो खारौ समुद्र है एकटे हुए ॥ ४ । उन्हों ने वारह बरस ला कि दरलाउमर की सेवा किई और तेरहवें बरम उरसे फिर गये।५। और चौदहवें बरम में किदलाउमर और उस के साथी राजा आये और इसतारात करनैन में रिफाइम को और हाम में जज़ोयों को और सबी करयान में मियां को॥ ६। और उन के सईर पर्वन में हरियां को फाराम के चौगान ले जा बन के पास है मारा। ७। और फिरे और इनमिशपार को जो कादिस है फिरे और अमालीक के सारे देश को और अमूरी को भी जेा हरमनतमर में रहते थे मार लिया । ८। और सिद्दीम का राजा और अमरः का राजा और अदमः का राजा और जिबिथान का राजा और वालिग का राजा जो सुय है निकला। । अलाम के राजा किदरलाउमर के संग और जातिगणों के राजा तिदअाल के संग और शिनबार के राजा अमराफ़िल और इलामर के राजा अरियूक ने चार राजा पांद के संग युद्ध के लिये ॥ १० । और सिद्दीम को तराई में चहले के गढ़हे थे और सिद्दीम और मूत्ररः के राजा भागे और वहां गिरे और बचे हुए लोग भाग के पहाड़ पर गये। ११। उन्हों ने सिद्दीम और अमरः की सारी संपत्ति और उन के सारे भोजन लट लिए और अपने मार्ग पकड़े ॥ १२। और अविराम के भतीजे मन को जामदूम में रहता था और उसकी संपत्ति को लेके चले गये। १३ । तय किसी ने बच के इवरानी अविराम को संदेश दिया