पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/३२१

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को पुस्तक २३ तेईमवा पब्बै । -ब बलग्राम ने बलक से कहा कि मेरे लिये यहां मात बेदो बना तबलरालय या मातबल और मात में सिद्ध कर॥ २। जैमा बलाम ने कहा था बलक ने वैसा किया और वन्सक और वनान ने हर बेटी पर एक बैल और एक मेंढ़ा चढ़ाया॥ ३। फिर बनाम ने बलक से कहा कि अपने हाम की भेट के पास खड़ा रह और मैं जाऊंगा कदाचित् परमेश्वर मुझ से भेंट करे जो कुछ वुह मुझे दिखायेगा मैं तुझे कहंगा से बह जंचे स्थान को चला ॥ ४। और ईम्बर बलग्राम को मिला और उस ने उसे कहा कि मैं ने मान बेदी मिडू किया और एक एक बैल और एक एक मेंढ़ा हर एक पर चढ़ाया ॥ ५। तब परमेश्वर ने बलाम के मुंह में बच्चन डाला और उसे कहा कि बलक पास फिर जा और उसे यों कह ॥ ६। सो बुह उम पाम फिर आया और क्या देखना है कि वह अपने होम के बलिदान के पास मोअब के सब प्रधान समेत खड़ा है। ७ तब उस ने अपने दृष्टांत में कहा कि पूर्व के पहाड़ों से अराम से मानव के राजा बलक ने मुझसे बुलाया कि मेरे निमित्त यअकब को नाप दीजिये और दूसराएल को धिकारिये। । मैं उसे क्यांकर सापां जिसे ईश्वर ने नहीं मापा अथवा उसे घिमारू जिसे ईश्वर ने नहीं चिकारा | क्योंकि पहाड़ की चोटी पर से मैं उसे देखता हूं और पहाड़ों पर से टसे ताकता हूं देखा ये लेग अकेले रहेंगे और लोगों के मध्य गिने न जायेंगे। १० । यअकब की धूल का कौन गिन सक्ता है और इसराएल की चौयाई का लेखा कान ले सक्का है हाय कि मैं धर्मों की मृत्य मरूं और मेरा अंत्य उन का सा हो ॥ ११ ॥ तब बन्नक ने बलाम से कहा कि तू ने मुझ से क्या किया मैं ने तुझे अपने शत्रुन को खाप देने को लिया और देख तू ने उन्हें सर्वथा आशीष दिया। १२ । उस ने उत्तर द के कहा कि क्या मुझ उचित नहीं कि वहीं बात कह जो परमेश्वर ने मेरे मुंह में डाली है॥ २३। फिर बसक ने उसे कहा कि इब मेरे साथ और हो स्थान पर चलिये यहां से आप उन्हें देखिये आप केवल उन को बाहर बाहर देखियेगा और उन्हें सब के मव (A. B. s. 40