पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/३०१

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की पस्तक । १५ पञ्च] २६३ मूमा ने कहा से अव तुम लोग क्यों परमेश्वर की आज्ञा को भंग करते हो शुभ न होगा ॥ ४२। ऊपर मत जाओ। क्योंकि परमेश्वर तुम्हों में नहीं जिसवें तुम अपने बैरियों के आगे मारे न पड़ी। ४३। कोंकि अमालि की और कनानी तुम्हारे आगे हैं और तुम तलवार से बिक जाओगे क्योंकि तुम परमेश्वर से फिर गये है। से। परमेश्वर तुम्हारे साथ न होगा॥ ४४ । परंतु वे ढिठाई से पहाड़ पर चढ़ गये तथापि परमेश्वर के बाचा को मंजूषा और मूमा छावनी के बाहर न गये तब अमालिफ्री और कनानी जो उस पहाड़ पर रहते थे उतरे और उन्हें हरमः लो मारते गये। १५ पदरहवां पर। फर परमेश्वर मूसा से कह के बाला ॥ से कहके बाला ॥२। कि इमराएल के संतानों को कहके बोल कि जब तुम अपने निवास के देश में जो मैं तुम्हें देऊंगा पहंचो ॥ ३ । और आग से परमेश्वर के लिये होम की भेंट चढ़ाओ अथवा मनौती परी करने का बलिदान अथवा वांछित भेट अथवा ठहराये हुए पर्व को भेंट परमेश्वर के लिये आनंद का सुगंध लेहंडे अथवा झुंड से चढ़ाओ ॥ ४ । तब बुह जो अपनी भेंट परमेश्वर के लिये चढ़ाता है भोजन की भेट पिमान का दसवां भाग सवा सेर नेल से मिला हुद्या भेंट का बलिदान लावे॥ ५। एक मेना के कारण होम की भट अथवा बलिदान पीने की भेंट के लिये मबा सेर द्राक्षारस सिड कीजियो॥ ६॥ अथवा मेढ़े के लिये मांस की भेंट को दो दसवां भाग पिसान पौने दो सेर तेल से मिला हुया सिद्ध कौजियो॥ ७॥ और पीने की भेंट के लिये पौने दो सेर द्राक्षारस परमेश्वर के मुगंध के लिये चढ़ाइयो॥ ८। और जब त हाम को भेंट के लिये अथवा मनौती पूरी करने को बलिदान के लिय अथवा कुशल को भेंट परमेश्वर के लिये बैल सिद्ध करो॥ ६ तब वुह बैल के साथ भोजन की भेट तीन दमबां भाग पिमान अढ़ाई सेर तेल से मिला हुआ लावे॥ १.। और पीने की भेंट के लिये द्राक्षारम अढ़ाई, सेर आग से परमेश्वर के अानंद की सुगंध के लिये लाया। ११ । एक एक बैल अथवा एक