पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/२९१

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था। १. पर्य] की पुस्तक । २८३ इलिअब घर ॥ १.७। फिर तंघ उतारा गया तब जेरमन के बेटे और मिरारी के बेटी ने संव को उठाके यात्रा किई ॥ १८। फिर रूविन का झंडा उन की सेना के समान आगे बढ़ा देकर का बेटा इलिमूर उस के कटक का प्रधान था॥ १८ । और ममछ न के बंश की गोष्ठी की सेना पर रिशद्दी का बेरा सलामिएल था॥ २० । जद के बंश की गोष्ठी को सेना पर अपल का बेटा इलयामफ था ॥ २१॥ फिर किहानियों ने पवित्र स्थान उठाके यात्रा किई और उन के पहुंचने ले तंबू खड़ा किया जाता था ॥ २२। फिर इफराधम की छावनी का झंडा उन की सेनों के समान आगे बढ़ा अमिहद का बेटा इलिसमः उस के कटक का प्रधान था॥ २३ । और मुनरमी के वंश की गोष्ठी को सेनों पर फिदा हसूर का बेटा जमलीऐल २४ । और बिनयमीन के बंश की गोडो की सेनों पर जिद अनी का वेरा अविदान घा॥ २५ । सब बाबमी के पीछे दान के संतान की छावनी का झंडा उन की सेने के समान आगे बढ़ा उन की सेना पर अस्मिशही का बेटा अखिअजर था। २६ । और यसर के वंश को गोष्ठी को सेनों पर अकरान का बेटा फश्रिऐल था॥ २७॥ और नफ़ताली के बंश को गोष्ठी की सेनों पर अनान का बेटा अखिरः था॥ २८ । सो इमराएल के संतान की याचा जब वे आगे बढ़ते थे अपनी सेनाओं के समान एसोही थी। २६ । तब मूसा ने मियानी रऊ ऐल के बेटे हुवाय को जो मूमा का ससुर था कहा कि हम उस स्थान को जाते हैं जिस के विषय में परमेश्वर ने कहा है कि मैं नन्हें देऊंगा सो तू हमारे साथ या हम तझ से भलाई करेंगे क्योंकि परमेार ने दूसराएल के विषय में अच्छा कहा है। ३० । उम ने उसे कहा कि मैं न जाऊंगा परंतु मैं अपने देश को और अपने कुटुम्बों में जाजग।। ३१। तब उस ने कहा कि हमें न छोड़िये कयोंकि आप जानते हैं कि अरण्य में हमें क्या कर डेरा किया चाहिये सो बाप हमारी आंखों की संती हेगे। ३२ । और यां होगा कि यदि आप हमारे माथ चल ना जा भलाई परमेश्वर हम से करेगा से हम अाप से करेंगे। ३३। फिर उन्हों ने परमेश्वर के पहाड़ से तीन दिन की यात्रा किई और परमेश्वर की बाचा को मंजूषा उन तीन दिन के मार्ग से आगे गई