पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/२७९

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६ पर्च की पुस्तक॥ २७१ ६ कठयां पन । फर परमेश्वर मूसा से कहके बाला ॥ २। कि इसराएल के संतानों को कह के बोल कि जब कोई पुरुष अथवा स्त्री श्राप को अन्नग करने के लिये नसरानी की मनौती ईशर के लिये माने॥ ३। तो वुह दाखरम से और तीक्षण मदिरा से अलग रहे दाखरस का सिरका अथवा तोक्षण मदिरा का सिरका न पीये चार अंगर का कोई रस न पीये धर न भोंगा अथवा सूखा अंगूर खावे ॥ ४। और अपने अलग होने के सब दिनों में कोई जोहाखा से उत्पन्न होती है बीज से लेके उस के छिलके लो न खावे॥ ५। और अपने अलग होने की मनाती के सब दिनों में सिर पर कुरा न फिरावे जब लो उस के अलग किये गये दिन बीत न जावें बुह ईश्वर के लिये पवित्र है अपने सिर के बालों को बढ़ने देवे॥ ६ ॥ वह परमेश्वर के लिये अपने सारे अलग होने के दिनों में लोथ के पास न जाये॥ ७॥ बुह अपने माता पिता अथवा अपने भाई बहिन के लिये जब वे मर जाव आप को अशुद्ध न करे क्योंकि उस के ईश्वर की स्थापना के सिर पर है ॥ ८। वुह अपने अलग होने के सब दिनों में परमेश्वर के लिये पवित्र है॥ । और यदि कोई मनुष्य अकस्मात् उस के पास मर जाय और उस के सिर के स्थापित्त को अपवित्र करे नो बुह अपने पवित्र होने के दिन अपना सिर मुड़ावे सातवें दिन मिर मुड़ावे॥ १० ॥ और पाठवें दिन दो पिण्डकी अघया कपात के दो बच्चे मंडलो के तंब के द्वार पर याजक पास लावे॥ ११। और याजक एक को पाप की भेंट के कारण और दूसरे को होम की भेंट के लिये चढ़ावे और उस अपराध का जो मृतक के कारण से हुआ प्रायश्चित्त देवे और अपने मिर को उसी दिन पवित्र करे॥ १२॥ फिर अपने अलग होने के दिनों का परमेश्वर के लिये स्थापित करे और पहिले वरम का एक मेम्ना पाप की भेंट के लिये लावे परंतु उस के आगे के दिन गिने न जायेंगे क्योंकि उस की भेट अपवित्र हो गई। १३। नसरानी होने के लिये यह व्यवस्था है जब उस के अलग होने के दिन पूरे हे। तब बुह मंडली के तंबू के द्वार पर लाया जावे॥ १४ । और वुह परमेश्वर के लिये अपनी भेट पहिले उम