पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/२४५

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1 २० पबै] की पस्तक। वेगा निश्चय धान किया जायगा देश के लोग उन पर पत्थरवाह करें ३ । और मैं उस मनुष्य पर वैर की रुखाई करूंगा और उस के लोगों में से उसे काट दूंगा इस लिये कि उस ने अपने बंश में से मालक को चढ़ाया जिसने मेरे पवित्र स्थान को अपवित्र और मेरे पवित्र नाम का अपमान करे। 1 और यदि देश के लेग किमी भांति से उस मनुश्य से आंख छिपा जिम ने अपने वंश में से मोलक को भेंट चढ़ाया है और उसे चान न करें। ५। तो में उस मनुष्य पर और उन के घरामे पर वैर की रुखाई करूंगा और उसे उन सब समेत जो मोलक से व्यभिचार करते हैं उन्हें अपने लोगों में से काट डालूंगा॥ ६ । और उस मनुष्य पर जो ओभानों और गन्हां की ओर जाता है जिसमें सन के समान व्यभिचार करे मैं उस मनुष्य पर अपना क्रोध भड़काऊंगा और उसे उस के लोगों में से काट डालंगा ॥ ७१ से अब आप को पबिब करो और पावन होगा क्योंकि मैं परमेश्वर तुम्हारा ईश्वर हूं । ८। और मेरी व्यवस्था को स्मरण करो और उन्हें मानो मैं वुह परमेश्वर हूं जो तुम्ह पवित्र करता है । <। जो कोई अपनी माता अथवा पिता को धिक्कारे सो निश्चय मार डाला जायगा क्योंकि उस ने अपने माता पिता को धिक्कारा है उस का लोह उसो पर है॥ १०॥ और जो मनुष्य किसी की पत्नी से अथवा अपने परोसी की पत्नी से कुकर्म करे कुकम्मों और कुकर्मिणी दाना निश्चय मार डाले जायेंग॥ १९ । और जो मनुष्य अपने पिता की पत्नी से व्यभिचार करे सो दोनों निश्चय मार डाले जायगे क्योकि उस ने अपने पिता का नंगापन खोला उन का लाइ उन्हौं पर है ।। १२ । और जो मनुष्य अपनी बहू से कुकर्म करे वे दोनों निश्चय मार डाले जायगे उन्हों ने गड़बड़ किया है उन का लोह उन्हीं पर है ॥ २३ । और यदि कोई मनुय्य पुरुषगामी हेरये तो उन दोनों ने घिनत कार्य किया है वे अवश्य मार डाले जाये गे उन का लोह उन्हीं पर १४ । और यदि कोई स्त्री को और उस की माता को भी रकले यह दुष्टता है वे तीनों के तीनों जलाये जायंगे जिसने तुम्हों में दुष्टता न रहे ॥ १५ । और यदि कोई मनुष्य पशु से कुकर्म करे वुह निश्चय मार डाना जायगा और उस पशु को पात करो। १६ । और यदि स्त्री