पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/२३९

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१७ पर्व की पुस्तक । आगे पवित्र हो जायो ३१। यह तुम्हारे लिये स्मरण का विश्राम होगा तुम उस दिन अपने प्राण को कष्ट दौजियो यह तुम्हारे लिये सदा को विधि है। ३२। और बुह जिस याजक को अभिषेक करे और जिसे बुह याजक के पद में सेवा करने के लिये अपने पिता की संती सेवा के लिये स्थापित करे साई प्रायश्चित्त करे और पवित्र सूती वस्त्र को पहिने॥ ३३। और पवित्र स्थान के लिये और मंडली के तंबू के लिये और बेदी के लिये और याजकों के लिये और मंडली के सब लोगों के लिये प्रायश्चित्त करे॥ ३४ । और यह तुम्हारे लिये मनातन की विधि है जिसने तुम इसराएल के तानों के लिये उन के सब पापों के कारण वरम में एक बार प्रायश्चित्त करो सेा जैसा परमेश्वर ने मूमा से कहा था उस ने वैसा ही किया। १७ सतरहवां पढ़। -फर परमेश्वर मूसा से कहके बोला॥ २॥ कि हारून और उस के बेटों और इसराएल के समस्त संताने। से कहके बाल कि यह वुह बात है जिसे परमेश्वर ने आज्ञा किई है। ३। जो मनुष्य इसराएल के घरानों में से बैल अथवा मेम्ना अथवा बकरी छावनी में अथवा छावनी के बाहर बलि करे। ४ । और मंडली के नंव के द्वार पर परमेश्वर के तंबू के आगे भेंट चढ़ाने के लिये न लावे तो उस मनुष्य पर लोहू का दोष होगा क्योंकि उस ने लोह बहाया और बुह मनुष्य अपने लोगों में से ५। यह इस लिये है कि इसराएल के संतान अपने बलिदानों को जिन्हें वे चौगान में चढ़ाते हैं परमेश्वर के आगे मंडली के तंबू के द्वार पर याजक पास लाव और उन्हें परमेश्वर के आगे कुशल की भेंट के लिये चढ़ावें ॥ ६। और याजक बुह लोह मंडली के तंबू के द्वार पर परमेश्वर की बेदी पर विड़ के और परमेश्वर के सगंध के लिये चिकनाई को जलावे ॥ ७१ और आगे को पिशाचां के लिय जिन के पीछे वे बेश्या गॉमी थे न चढ़ावें उन की पौड़ियों में यह सनातन की विधि होगी। ८। और तू उन्हें कह कि इसराएल के घराने में अथवा परदेशी में जो तुम्हें में बाम करता है जो कोई हाम को भेंट अथवा बलि की भेंट कर जायगा।