पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/२२

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उत्पनि [७ पर्च ७ सातवां पर्ब । भर परमेश्वर ने मूह से कहा कि तू अपने सारे घराने ममेत नाब में प्रवेश कर क्योंकि इस पीढ़ी में मैं ने अपने आगे तुझे धर्मों देखा है॥ २। हर एक पवित्र पशु में से सात सात नर चार उम् की जोड़ी और पशु में से जो पचिंब नहीं दो दो नर और उस की जोड़ी अपने साथ लेना। और आकाश के पक्षियों से भी मात सात नर और उस की जोड़ी जिमने सारी पृथिवी पर बंश जीता रक्खे ॥ ४। क्योंकि मैं सात दिन के पीछे टथिवी पर चालीस रात दिन में ह बरमाऊंगा और हर एक जीव जंतु को जिसे मैं ने बनाया है पृथिवी पर से मिटा देगा॥ ५। और नूह ने परमेश्वर की सारी थाना के समान किया। ६ । और जब पानियों का बाढ़ प्रथिवी पर हुआ नह छः सौ बरस का था। ७। कय नूह और उस के बेटे और उस की पत्नी और उन के बेटे की पनियां पानियों के बाल के कारण से उस के संग नाव पर चढ़ीं ॥ ८। पवित्र पशुभ से और उन में से जो पवित्र नहीं हैं और पश्यिों से और पृथिवी के हर एक रेगयों में से॥ दोदो नर और उस की जोड़ी जैसा ईश्वर ने नूह को श्राजाकिई थी नाव में गए॥ १०। और जब सात दिन दोन गये तो यूं हुआ कि बाढ़ के पानी एघिवी पर हुए ॥ ११ । और नह की बय के छः सौ बरस के दूसरे माल की मत्तरहवीं तिथि में उसी दिन महा गहिरापे के सारे सेले फट निकले और खर्ग के द्वार खुल १२। और पृथिवी पर चालीस रात दिन में ह बरसा। १३ । उसी दिन नूह और नूह के बेटे मिम और हाम और वाफत और नूह की पत्नी और उस के बेटों की तीनों पत्नियां उस के साथ भाव में गई, ॥ १४ ॥ वे और हर एक पशु अपनी अपनी भांति के ममान और सारे देर और भूमि पर के हर एक रेंगवैये जंतु अपनी अपनी भांति के समान और हर एक पंकी अपनी अपनी भांति के समान हर एक भांति की हर एक चिड़ियां ॥ १५। और वे नूह के पास सारे शरीरों में से दो दो जिन में जीयन का म्यास था भाष में गये। १६ । और जिन्हों ने प्रवेश किया सो सारे शरीरों में से जोड़ा जोड़ा थे जैसा कि ईश्वर ने उसे अाज्ञा गये।