पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/२०९

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४ पन्ने] की पुस्तक । ४ चौथा पर्ब । फर परमेश्वर भूमा से यह कहके बोला॥ २। कि इमराएल के मंतानों से कह कि यदि कोई प्राणी परमेश्वर की आज्ञायों के विरोध में अज्ञानता से पाप करे जिस का होना अनुचित था। ३ ॥ यदि वह अभिषेक किया हुया याजक लोगों के पाप के समान पाप करे तो अपने पाप के कारण जो उस ने किया है अपने पाप को भेट के लिये निष्खोट एक बछिया परमेश्वर के लिये लाये ॥ ४। और वुह उस बक्रिया को मंडली के तंबू के द्वार पर परमेश्वर के आगे लाने और बछिया के सिर पर अपना हाथ रक्खे और बछिया को परमेश्वर के आगे बलि करे॥ ५। और वह याजक जा अभिषेक किया हुआ है उस बलिया के लोह से कुछ लेवे और मंडली के तंब में लाये॥ ६। और थाजक अपनी अंगली लोहू में डुबो के परमेश्वर के आगे पवित्र स्थान के बूंघट के साम्ने उस लोहू से सात वार छिड़के ॥ ७। और याजक लोह से सुगंध बेदी के सौगों पर जो मंडली के तंबू में है परमेश्वर के आगे लगावे और उस बछिया के उबरे हुए लोहू को होम को भेंट की बेदी की जड़ पर जो मंडली के तंबू के द्वार पर है ढाले॥ । चौर सारी चिकनाई को पाप को भेट के बड़े से अलग करे और जो चिकनाई गोझ को ढांपती है और मब चिकनाई जो शोक पर है॥ । और दोनों गुर्दे और उन पर की चिकमाई जा पांजरो पास है और कलेजे पर की मिली गुर्दै ममेन अलग करे। १.। जिस रीति से कुशल के बलिदान की भेंट के बछड़े से अलग किया जाता है और याजक उन्हें होम की भेट को बेदी पर जलावे ॥ ११ । और उस बछड़े की खान और उस का समस्त मांस और उस के सिर पांव समेत और उस के आम और उस का गोवर ॥ १२ । अर्थात् समस्त बछड़ा तंब के बाहर निर्मल स्थान में जहां राख डाली जाती है ले जाये और उसे लकड़ियों पर आग से जलावे राख डाल ने के स्थान पर जलाया जाये ॥ १३ ॥ यदि दूसराएस के संतानों की सारी मंडली अज्ञानता से ऐसा पाप कर जो मंडली की दृष्टि से छिप जावे और वे परमेश्वर की आज्ञायों में से ऐसा