पृष्ठ:धर्म्म पुस्तक.pdf/१३५

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( पच की पुस्तक। १२५ र नयां पर्व। 'ब परमेश्वर ने ममा को कहा कि फिरजन पास जा और उसे कह को जाने दे जिसते वे मेरी सेवा कर । २। क्योंकि यदि तू जाने न देगा और अब कीभी उन्हें रोकेगा॥ ३ तो देख परमेश्वर का हाथ तेरे खेन के पशुन पर घोड़ी पर गदहों पर ऊंटो पर बैलेां पर और भड़ों पर अत्यंत मरी पड़ेगी ॥ ४ । और परमेश्वर दूसराएल के यैार मिस्त्रियों के पशु न में विभाग करेगा और उन में से जो इसराएल के संतानों के हैं कोई न मरेगा॥ ५। और परमेश्वर ने एक समय ठहराया और कहा कि पर- मेश्वर यह कार्य देश में कल करेगा॥ ६ । और टूमरे दिन परमेश्वर ने बैसाही किया और मिस के समस्त पशु मर गये परंतु इसराएल के संतानों के पशुन में से एक भी न मरा॥ ७ । नव फिरकन ने भेजा तो क्या देखता है कि इसराएलियों के पशुन में से एक न मरा और फिरजन का मन कठोर रहा और उस ने लोगों को जाने न दिया॥ ८। और परमेश्वर ने मुसा और हारून से कहा कि भट्ठी में से मुट्ठी भर भर के राख लो और मूसा उसे फिर जन के साम्ने आकाश की ओर उड़ा दे । । और वुह मिस की सनस्त भूमि में सूक्ष्म धल हो जायगी चौर मिस्र के समस्त देश में मनुष्यों पर और पशुन पर फोड़े और फफोले फट निकल गे॥ १.। और उन्हों ने भट्ठी की राख लिई और फिरजन के धागे खड़े हुए और मूमा ने उसे खर्ग की ओर उड़ाया और तुरंत ममय्या पर और पशुन पर फोड़े और फफोले फूट निकले ॥ ११ ॥ और फोड़ों के मारे टान्हे मूसा के भागे खड़े न रह सके क्योंकि टोन्ही पर और सारे मिसियों पर फोड़े थे ॥ १२। और परमेश्वर ने फिरजन के मन को कठार कर दिया और जैसा कि परमेश्वर ने ममा से कहा था वैसा उस ने उम की बात न मानी। १३ । फिर परमेश्वर ने मूसा से कहा कि कन्न तड़के उठ और फिरजन के अागे खड़ा हो और उसे कह कि परमेश्वर वरानियों का ईश्वर यों कहना है कि मेरे लोगों को जाने दे कि ये मेरी सेवा करें। १४। दूम लिये कि मैं अब की अपनी